महाराष्ट्र में अब स्पीकर के चुनाव को लेकर सियासी जंग होगी। महा विकास आघाडी की ओर से शिवसेना के विधायक राजन सालवी को उम्मीदवार बनाया गया है जबकि बीजेपी ने राहुल नार्वेकर को मैदान में उतारा है।
सरकार चलाने के दौरान आने वाले तमाम तरह के सियासी संकटों में स्पीकर की भूमिका बेहद अहम होती है और इसलिए सत्तारूढ़ और विपक्षी राजनीतिक दल स्पीकर के चुनाव को बेहद गंभीरता से लेते हैं।
बीजेपी और महा विकास आघाडी के उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र शनिवार को दाखिल कर दिए हैं।
निश्चित रूप से राहुल नार्वेकर के साथ बीजेपी-एकनाथ शिंदे के समर्थक विधायक, कुछ छोटी पार्टियों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन है जबकि दूसरी ओर शिवसेना में ठाकरे गुट के, कांग्रेस-एनसीपी के और कुछ निर्दलीय विधायक हैं।
महाराष्ट्र में विधानसभा का सत्र 3 और 4 जुलाई को बुलाया गया है। इस दौरान 3 जुलाई को स्पीकर का चुनाव होगा जबकि 4 जुलाई को एकनाथ शिंदे सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करना है। महाराष्ट्र में तेजी से बदले सियासी घटनाक्रम के बीच एकनाथ शिंदे ने 30 जून की शाम को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी जबकि बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने थे।
बीजेपी और एकनाथ शिंदे के समर्थक विधायकों ने विधानसभा में बहुमत साबित करने की रणनीति बनाई है। बागी विधायक बीते कई दिनों से सूरत, गुवाहाटी होते हुए गोवा पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट ने दावा किया है कि उनके पास 170 विधायकों का समर्थन है जबकि महा विकास आघाडी के विधायकों व कुछ अन्य विधायकों के समर्थन के बाद उनके पास कुल 125 विधायकों का समर्थन है।
शिंदे पर उद्धव की कार्रवाई
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पार्टी संगठन में नेता के पद से हटा दिया है। ठाकरे की ओर से जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि एकनाथ शिंदे पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं और स्वेच्छा से अपनी सदस्यता छोड़ चुके हैं।
ठाकरे ने कहा है कि इसलिए वह शिवसेना प्रमुख होने के नाते अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हुए शिंदे को पार्टी संगठन में नेता के पद से हटा रहे हैं।
बता दें कि ठाकरे और एकनाथ शिंदे के गुट के बीच असली शिवसेना किसके पास है इसे लेकर जंग चल रही है। आने वाले दिनों में यह जंग विधानसभा से लेकर सड़क तक और अदालतों में भी लड़ी जा सकती है।
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