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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति, एमवीए में कड़ा मुक़ाबला, वोटिंग कल

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को वोटिंग होगी। राज्य में सभी 288 सीटों पर एक ही चरण में वोट डाले जा रहे हैं। बीजेपी और कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनने की होड़ में हैं, जबकि उनके सहयोगी दल - शिवसेना, शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी और एनसीपी (एसपी) - अपनी राजनीतिक स्थिति मज़बूत करने पर जोर लगाएँगे। मुख्य मुक़ाबला छह बड़े दलों वाले दो गठबंधनों के बीच है।

कौन से गठबंधन में किस दल की कैसी स्थिति है, यह जानने से पहले यह जान लें कि राज्य में विधानसभा सीटों की स्थिति क्या है। राज्य में 288 सीटों में से 234 सीटें सामान्य श्रेणी, 29 अनुसूचित जाति यानी एससी और 25 अनुसूचित जनजाति यानी एसटी के लिए हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, नाम वापसी के बाद अब 4140 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

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बीजेपी की अगुआई में शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी महायुति का हिस्सा हैं। कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) महा विकास अघाड़ी का हिस्सा हैं।

इन प्रमुख सीटों पर काँटे की टक्कर

ठाणे के कोपरी-पचपाखड़ी विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे चुनाव मैदान में हैं। उनका मुक़ाबला केदार दिघे से होगा, जो उनके राजनीतिक गुरु दिवंगत शिवसेना नेता आनंद दिघे के भतीजे हैं। शिंदे ने अक्सर आनंद दिघे को राजनीति में अपने मार्गदर्शक के रूप में बताया है। दिघे से उनका गहरा संबंध है, यहां तक ​​कि उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक प्रसाद ओक द्वारा निर्देशित मराठी फिल्म धर्मवीर 2 को भी फंड दिया है। 

इस सीट पर इस बार मुकाबला शिवसेना बनाम शिवसेना का है। आनंद को ‘ठाणे का ठाकरे’ कहा जाता था। उनके देहांत के 21 साल बाद भी ठाणे के शिवसैनिकों में उनका काफी सम्मान है।
नागपुर दक्षिण पश्चिम सीट पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस लगातार चौथी बार अपने गढ़ को सुरक्षित करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। वे 2009 से क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और लगातार तीन बार जीतते रहे हैं।
2019 के चुनाव में फडणवीस ने 49,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। फडणवीस के ख़िलाफ़ कांग्रेस ने प्रफुल्ल गुडधे को उतारा है। वह अपनी गहरी स्थानीय जड़ों और जमीनी स्तर पर संबंधों के लिए जाने जाते हैं। वह भाजपा के प्रति मतदाताओं की उदासीनता या वर्तमान प्रशासन के प्रति असंतोष, विशेष रूप से शहरी बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक सेवाओं और भाजपा की आर्थिक नीतियों पर चिंताओं का लाभ उठा सकते हैं।
maharashtra assembly polls mahayuti vs mva voting - Satya Hindi

वर्ली सीट

मुंबई की हाई-प्रोफाइल वर्ली विधानसभा सीट पर एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के मिलिंद देवड़ा, शिवसेना (यूबीटी) के आदित्य ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता संदीप देशपांडे के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।

पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा शहरी मध्यम वर्ग के मतदाताओं के बीच अपनी अपील पर भरोसा कर रहे हैं ताकि वर्ली में मजबूत प्रभाव डाल सकें। आदित्य ठाकरे ने 2019 में अपने पहले चुनाव में वर्ली से 89,248 वोटों के साथ शानदार जीत हासिल की थी, जो उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एनसीपी के सुरेश माने से काफी आगे थे। माने को सिर्फ 21,821 वोट मिले थे। 

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बारामती

बारामती में 2024 के चुनाव में एक बार फिर पवार परिवार के बीच टकराव देखने को मिल रहा है, बिल्कुल हाल के लोकसभा चुनावों की तरह। इस बार शरद पवार के पोते युगेंद्र पवार उपमुख्यमंत्री अजित पवार को चुनौती दे रहे हैं, जबकि एनसीपी (एसपी) इस पारंपरिक गढ़ में उनकी उम्मीदवारी का समर्थन कर रही है।

युगेंद्र शरद पवार के मार्गदर्शन में अपने राजनीतिक पदार्पण की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले वह सुप्रिया सुले के लोकसभा अभियान के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। वे शरद पवार द्वारा स्थापित शैक्षणिक संस्थान विद्या प्रतिष्ठान में कोषाध्यक्ष के पद पर भी हैं। 

अजित पवार इस निर्वाचन क्षेत्र के निर्विवाद नेता रहे हैं, जिन्होंने 1991 से लगातार सात बार सीट हासिल की है। 2019 में अजित पवार ने लगभग 1.95 लाख वोट और 83.24 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करते हुए निर्णायक जीत हासिल की थी।

वांद्रे ईस्ट 

वांद्रे ईस्ट विधानसभा क्षेत्र में जीशान सिद्दीकी और वरुण सरदेसाई के बीच कड़ी टक्कर होने वाली है। जीशान सिद्दीकी को युवा मतदाताओं और मुस्लिम समुदाय का मजबूत समर्थन मिलता दिख रहा है। वह स्थानीय मुद्दों को उठा रहे हैं। वह अपने पिता, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद सहानुभूति वोट भी हासिल कर सकते हैं।

उद्धव ठाकरे के भतीजे वरुण सरदेसाई 2022 में पार्टी के विभाजन के दौरान शिवसेना (यूबीटी) के कट्टर समर्थक रहे हैं। वांद्रे ईस्ट में उनका खासा प्रभाव है, जहां उन्हें शिवसेना के पारंपरिक मतदाता आधार का समर्थन प्राप्त है।

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पिछले चुनाव में क्या रहा था नतीजा

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना का गठबंधन था। तब भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटें मिली थीं। भाजपा-शिवसेना आसानी से सत्ता में आ जातीं, लेकिन गठबंधन टूट गया। सियासी उठापटक के बाद 23 नवंबर, 2019 को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन बहुमत परीक्षण से पहले ही दोनों को इस्तीफा देना पड़ा।

इसके बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सरकार सत्ता में आई। उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के सीएम बने। करीब ढाई साल बाद शिवसेना में बगावत हुई और उद्धव की सरकार गिर गई। बाग़ी शिंदे गुट के साथ मिलकर बीजेपी ने सरकार बनाई। शिंदे मुख्यमंत्री बने। उसके एक साल बाद एनसीपी में बगावत हुई और वह भी दो खेमों में बँट गई। इन घटनाक्रमों के बाद यह पहला चुनाव है।

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क़मर वहीद नक़वी
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