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जेल जाने का कर रही हूं इंतजार, सावरकर मेरे आदर्श: कंगना

उद्धव ठाकरे सरकार और बॉलीवुड को लेकर अपने विवादित ट्वीट्स के कारण सुर्खियां बटोरने वालीं सिने अदाकारा कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अदाकारा के ख़िलाफ़ मुंबई की अंधेरी कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत में उनके मुंबई शहर और इसकी पुलिस के ख़िलाफ़ किए गए ट्वीट्स का हवाला दिया गया है। इस मामले में 10 नवंबर को सुनवाई होगी। 

मुंबई पुलिस ने कुछ दिन पहले ही राजद्रोह के एक मामले में कंगना और उनकी बहन रंगोली चंदेल को तलब किया था। मुंबई पुलिस ने कहा था कि वे जांच अधिकारी के सामने 26 और 27 अक्टूबर को पेश हों और जांच में सहयोग करें।  

राजद्रोह के मामले को कंगना ने बीजेपी और आरएसएस के आइकॉन सावरकर से जोड़ दिया है। कंगना ने कहा है, ‘जैसे रानी लक्ष्मीबाई का क़िला तोड़ा था मेरा घर तोड़ दिया, जैसे सावरकर जी को विद्रोह के लिए जेल में डाला गया था, मुझे भी जेल भेजने की पूरी कोशिश की जा रही है।’ 

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आमिर ख़ान निशाने पर 

कंगना ने अभिनेता आमिर ख़ान को भी इस विवाद में खींच लिया है। उन्होंने आमिर को टैग करते हुए लिखा है कि इंटॉलरेंस गैंग से जाकर कोई पूछे कि उन्होंने इस इंटॉलरेंट देश में कितने कष्ट सहे हैं? आमिर ख़ान ने कुछ साल पहले देश में असहिष्णुता बढ़ने का जिक्र करते हुए कहा था कि उनकी पत्नी किरण राव ने उन्हें भारत छोड़ने की सलाह दी थी। उनके इस बयान पर तब भी ख़ासा बवाल हुआ था और आज भी दक्षिणपंथी संगठन इस बयान के लिए उन्हें ट्रोल करते हैं। 

कंगना ने आगे लिखा है कि वह सावरकर, नेताजी बोस और रानी की झांसी की पूजा करती हैं और आज जब सरकार उन्हें जेल में डालने की कोशिश कर रही है तो इससे उनका ख़ुद पर विश्वास बढ़ता है। उन्होंने कहा कि वह अपने आदर्श इन लोगों की तरह ही जेल जाने का इंतजार कर रही हैं। 

कंगना ने एक बार फिर महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार को फासिस्ट बताते हुए कैंडल मार्च निकालने वालों और अवार्ड वापसी करने वालों पर निशाना साधा। 

मुंबई के एक वकील अली काशिफ़ ख़ान देशमुख ने गुरूवार को कंगना के ख़िलाफ़ आपराधिक शिकायत दी थी। वकील का आरोप था कि कंगना के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने का आदेश देने के बाद अदाकारा ने न्यायपालिका को लेकर दुर्भावनापूर्ण ट्वीट किया था। 

कुछ दिन पहले ही मुंबई की एक अदालत ने अदाकारा और उनकी बहन रंगोली चंदेल के ख़िलाफ़ धर्म के आधार पर नफ़रत फैलाने और सांप्रदायिक तनाव का माहौल बनाने के आरोपों को लेकर एफ़आईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे।

दरार डालने का आरोप

कास्टिंग डायरेक्टर साहिल अशरफ़ अली सैयद ने अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि कंगना हिंदू और मुसलिम कलाकारों के बीच दरार डाल रही हैं और अपने लगभग सभी ट्वीट्स में दुर्भावना से धर्म को ज़रूर लाती हैं। 

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याचिका में उन्होंने कंगना के महाराष्ट्र के पालघर में हिंदू साधुओं की हत्या से लेकर मुंबई के अपने ऑफ़िस में अवैध निर्माण को तोड़ने वाली बीएमसी की टीम को बाबर की सेना बताने से लेकर यह दावा करने तक कि वह पहली शख़्स हैं, जिसने छत्रपति शिवाजी महाराज और झांसी की रानी लक्ष्मी बाई पर फ़िल्म बनाई है, उनके इन ट्वीट्स का हवाला दिया। 

बहन पर भी आरोप

उन्होंने याचिका में मांग की थी कि कंगना और उनकी बहन के ख़िलाफ़ दुश्मनी को बढ़ावा देने और देशद्रोह की धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया जाए। सैयद ने याचिका में कहा था कि कंगना ने बॉलीवुड इंडस्ट्री को भाई-भतीजावाद से भरी, ड्रग्स के आदियों और सांप्रदायिक रूप से पक्षपाती लोगों वाली जगह बताया था। याचिका में उन्होंने कहा था कि कंगना की बहन ने भी सोशल मीडिया पर ऐसी टिप्पणियां की थीं जिससे दो धर्मों के लोगों के बीच सांप्रदायिक तनाव बढ़ता हो। 

किसानों पर अभद्र टिप्पणी

कंगना रनौत ने कुछ दिन पहले बदजुबानी की सरहदों को लांघते हुए केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों को आतंकी बता दिया था। कंगना ने लिखा था- ‘ये वही आतंकी हैं, नागरिकता क़ानून (सीएए) से एक भी इंसान की नागरिकता नहीं गयी मगर इन्होंने ख़ून की नदियां बहा दीं।’ 

इसे लेकर कंगना के ख़िलाफ़ कर्नाटक में एफ़आईआर भी दर्ज की गई थी। 

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क़मर वहीद नक़वी
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