आईएनएस रणवीर के आंतरिक डिब्बे में विस्फोट से मंगलवार को नौसेना के तीन कर्मियों की जान चली गई। यह घटना उस समय हुई जब राजपूत श्रेणी के विध्वंसक को मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में लगाया गया था।
इस घटना को लेकर एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि जहाज के चालक दल ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए स्थिति को नियंत्रण में लिया। विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि कोई बड़ी सामग्री की क्षति नहीं हुई है।
आईएनएस रणवीर पूर्वी नौसेना कमान से तट के पार ऑपरेशनल डिप्लॉयमेंट पर था और जल्द ही बेस पोर्ट पर लौटने वाला था। भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने कहा कि घटना के कारणों की जांच के लिए एक बोर्ड ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है।
एएनआई ने नौसेना के सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि इस हादसे में 11 कर्मी घायल हुए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि विस्फोट का हथियारों या गोला-बारूद के विस्फोट से कोई लेना-देना नहीं है।
बता दें कि रणवीर वर्ग के पहले विध्वंसक आईएनएस रणवीर को 21 अप्रैल, 1986 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। ये जहाज पूर्व सोवियत संघ में बनाये गये थे। रणवीर श्रेणी के जहाज पनडुब्बियों, कम उड़ान वाले विमानों और क्रूज मिसाइलों के ख़िलाफ़ वाहक टास्क फोर्स रक्षा के लिए विमान-रोधी और पनडुब्बी-रोधी युद्ध जैसी सुरक्षा देते हैं।
अपनी राय बतायें