आईआईटी बॉम्बे में छात्र दर्शन सोलंकी की कथित आत्महत्या की जाँच के लिए संस्थान द्वारा गठित एक जांच समिति ने पाया है कि छात्र के साथ जातिगत भेदभाव किए जाने का कोई सबूत नहीं है। इसके साथ ही इसने उसके 'बिगड़ते शैक्षणिक प्रदर्शन' को आत्महत्या जैसे क़दम उठाने के पीछे एक संभावित कारण का संकेत दिया है।
छात्र आत्महत्या: आईआईटी बॉम्बे पैनल ने जातिगत भेदभाव को नकारा
- महाराष्ट्र
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- 6 Mar, 2023
आईआईटी बॉम्बे में हाल में एक छात्र की आत्महत्या के मामले में आख़िर परिवार और उसके साथी जातिवादी भेदभाव के आरोप क्यों लगा रहे थे? जानिए, आंतरिक पैनल ने इन आरोपों पर क्या कहा।

अहमदाबाद के केमिकल इंजीनियरिंग के प्रथम वर्ष के छात्र सोलंकी ने सेमेस्टर की परीक्षा ख़त्म होने के एक दिन बाद 12 फरवरी को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। सोलंकी के परिवार ने आरोप लगाया कि कैंपस में उनके साथ जाति-आधारित भेदभाव किया गया, जिसके कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली। छात्र की बहन जाह्नवी सोलंकी ने एनडीटीवी से कहा था कि घटना वाले दिन उसने मुझसे और चाची से कैंपस में होने वाले जातिगत भेदभाव पर बात की थी। उन्होंने कहा था कि वह पिछले महीने जब घर आया था तब भी उसने परिवार वालों को कैंपस में हो रहे जातिगत भेदभाव के बारे में बताया था। उसने बताया था कि जब उसके दोस्तों को पता चला कि वह अनुसूचित जाति से है तो उसके प्रति उनका व्यवहार बदल गया, उन्होंने बात करना बंद कर दिया, साथ घूमना बंद कर दिया।