आईआईटी बॉम्बे के हॉस्टल में रहने वाले छात्र अब ऐसे किसी विरोध-प्रदर्शन या गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते हैं जो संस्थान को पसंद नहीं होगा। इसके लिए संस्थान ने चिट्ठी भी भेज दी है। चिट्ठी में कहा गया है कि छात्र न तो किसी राष्ट्रविरोधी और न ही किसी अन्य ऐसी दूसरी गतिविधि में शामिल हो सकते हैं। हालाँकि, इसमें यह नहीं बताया गया है कि कौन सी गतिविधि राष्ट्रविरोधी कही जाएगी और कौन सी नहीं। इसका मतलब क्या है? क्या छात्र विरोध-प्रदर्शन नहीं कर पाएँगे, क्योंकि किसी भी गतिविधि को राष्ट्रविरोधी घोषित किया जा सकता है? यह सवाल इसलिए भी कि आईआईटी बॉम्बे में हाल के दिनों में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त प्रदर्शन हुए हैं और इससे संस्थान के अधिकारी काफ़ी असहज महसूस कर रहे थे। आईआईटी बॉम्बे का यह फ़रमान उस समय आया है जब कर्नाटक के एक स्कूल में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ नाटक का मंचन करने पर स्कूल के ख़िलाफ़ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है।