महाराष्ट्र सरकार के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को मुंबई हाईकोर्ट ने सोमवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में जमानत दे दी। लेकिन फैसले के कुछ ही मिनट बाद अदालत ने अपना फैसला होल्ड पर डाल दिया। क्योंकि जांच एजेंसी सीबीआई ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए अदालत से वक्त मांगा।
इसके बाद अदालत ने सीबीआई को 10 दिनों का समय दिया है ताकि वह अनिल देशमुख की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके। इसका मतलब 10 दिनों तक अनिल देशमुख जेल में ही रहेंगे। अनिल देशमुख एक साल से जेल में बंद हैं।
क्या है यह मामला?
देशमुख पर मुंबई के रेस्टोरेंट और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूली करवाने का आरोप लगा था जिसके बाद उन्हें ईडी ने पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार कर लिया था। देशमुख को मनी लॉन्ड्रिंग के दूसरे मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है।
देशमुख ने जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और आखिरकर सोमवार को हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख को एक लाख के बॉन्ड पर जमानत दे दी। हालांकि सीबीआई ने अनिल देशमुख की जमानत का विरोध किया था लेकिन अदालत ने सीबीआई की दलीलों को दरकिनार करते हुए देशमुख को जमानत दे दी।
देशमुख को पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय ने 100 करोड़ रुपए की वसूली के मामले में गिरफ्तार किया था।
ईडी ने पिछले साल जब अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया था तो ईडी ने हाईकोर्ट को बताया था कि जब मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाज़े को मुंबई पुलिस फोर्स में वापस ज्वाइन कराया था तो अनिल देशमुख ने वाज़े को मिलने के लिए सह्याद्री गेस्ट हाउस बुलाया था और उनसे मुंबई के रेस्टोरेंट और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूल करने का आदेश दिया था।
ईडी ने अपनी चार्जशीट में भी बताया था कि 100 करोड़ रुपए की उगाही की बात सचिन वाज़े ने तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को बताई थी। जिसके बाद परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर 100 करोड़ रुपए उगाही के मामले का खुलासा किया था।
क्या था ईडी की चार्जशीट में?
ईडी ने जब अनिल देशमुख के खिलाफ अदालत में चार्जशीट फ़ाइल की थी तो उसमें बताया था कि अनिल देशमुख अक्सर सचिन वाज़े को मुलाकात के लिए अपने बंगले पर बुलाते रहते थे। इसके बाद देशमुख ने वाज़े से मुंबई के रेस्टॉरेंट, पब और बार से 100 करोड़ रुपये हफ्ता वसूलने के काम पर लगाया था। देशमुख ने अपने सरकारी निवास पर यह बात तत्कालीन डीसीपी राजू भुजबल और एसीपी संजय पाटिल से भी की थी।
ईडी की चार्जशीट में यह भी बताया गया था कि वाज़े बार वालों से उगाही गयी हफ्ते की रकम अपनी कार में ही रखा करता था।
ईडी ने अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि सचिन वाजे ने अनिल देशमुख के कहने पर 16 बैग के जरिए 4 करोड़ 60 लाख रुपये देशमुख के पीए कुंदन शिंदे को दिए थे। सचिन वाजे ने इसके साथ ही यह भी खुलासा किया था कि महाराष्ट्र में आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर के लिए 20 करोड़ की रकम शिवसेना के नेता और मंत्री अनिल परब को उनके पीए बजरंग खरमाटे को दी थी। इसके बाद अनिल देशमुख के दो पीए भी ईडी के रडार पर आ गए थे और ईडी ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया था।
अनिल देशमुख पर आरोप था कि उन्होंने गृहमंत्री रहते हुए सचिन वाज़े से 4.60 करोड़ रुपये लिए थे। पहले इस रकम को दिल्ली की एक कंपनी को भेजा था। बाद में यह रकम डोनेशन के रूप में अनिल देशमुख के ट्रस्ट श्री साईं शिक्षण संस्थान ट्रस्ट को भेजी गई। इस ट्रस्ट की देखभाल देशमुख परिवार करता है।
बता दें कि जब मुंबई के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की उगाही का आरोप लगाया था तो पहले सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिक जांच दर्ज की थी। जिसके बाद पैसों का लेनदेन होने के चलते ईडी ने मामला दर्ज किया था। ईडी ने अपनी जांच में अनिल देशमुख को दोषी पाया था और उनको गिरफ्तार कर लिया था।
इसी मामले में देशमुख को 4 अक्टूबर को जमानत मिल गयी थी। हालांकि अनिल देशमुख को जेल से मुक्ति नहीं मिली थी क्योंकि सीबीआई ने भी देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया था और अब अदालत ने इस मामले में भी देशमुख को जमानत दे दी है।
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