महाराष्ट्र में जिस पहले शख़्स का प्लाज़्मा थेरेपी से इलाज किया गया, गुरुवार को बांद्रा के लीलावती अस्पताल में उसकी मौत हो गई। यह शख़्स पिछले 10 दिनों से वेंटिलेटर पर था।
अंग्रेजी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया (टीओआई) के मुताबिक़, इस शख़्स का इलाज कर रहे डॉक्टर्स ने कहा कि प्लाज़्मा थेरेपी से इलाज किए जाने के बाद भी उसे किसी तरह का फ़ायदा नहीं हुआ। इस शख़्स की उम्र 53 साल थी। उसे कोरोना संक्रमण से उबर चुके एक व्यक्ति का 200 मिली. प्लाज्मा चढ़ाया गया था।
लीलावती अस्पताल के सीओओ डॉ. वी. रविशंकर ने टीओआई से कहा, ‘मरीज को बेहद गंभीर हालत में अस्पताल में लाया गया था। हमने सभी ज़रूरी दवाओं से उसका इलाज करने की कोशिश की। हमने उसे प्लाज़्मा चढ़ाया लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ।’ हालांकि उन्होंने कहा कि इससे हम निराश नहीं हैं और कुछ और मरीजों का इलाज इस थेरेपी से करने की कोशिश करेंगे।
राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग और बृहन्मुंबई नगर पालिका के अस्पतालों में गंभीर मरीजों को प्लाज्मा दिए जाने पर विचार चल रहा है। बीवाईएल नायर अस्पताल प्लाज़्मा इकट्ठा करने के काम में जुटा हुआ है।
जारी रखेंगे प्लाज़्मा थेरेपी से इलाज: केजरीवाल
दूसरी ओर, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कहा है कि वह प्लाज़्मा थेरेपी से इलाज करना जारी रखेगी। केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में जिस शख़्स का इलाज इस थेरेपी से किया गया, वह ठीक होकर घर जा चुका है और थेरेपी के शुरुआती नतीजे बेहतर रहे हैं।
केजरीवाल ने उम्मीद जताई है कि कोरोना से लड़ने में यह थेरेपी कारगर होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना से उबर चुके 1100 लोग अपना प्लाज़्मा देने के लिए तैयार हैं। इससे पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि प्लाज़्मा थेरेपी अभी प्रयोग के स्तर पर है और इससे मरीज की जान को ख़तरा हो सकता है।
अपनी राय बतायें