ठाकरे की अनुमति
गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने इस फ़ाइल को पास कर दिया था। पर मुख्यमंत्री के अंतिम फ़ैसले का इंतजार किया जा रहा था। गुरुवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस पर अपनी सहमति दे दी और उसके बाद परमबीर सिंह को निलंबन का आदेश भेज दिया गया।
क्या है मामला?
परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई के बार और रेस्टोरेंट से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूली के आरोप लगाए थे।
परमबीर को महाराष्ट्र सरकार ने उस समय पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया था जब बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर एसयूवी से 20 जिलेटिन की छड़ें बरामद हुईं थीं और उसके बाद एसयूवी मालिक मनसुख हिरेन की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी।
इसमें सचिन वाज़े का हाथ पाया गया था। उसके बाद परमबीर को होम गार्ड्स का डीजी बना दिया था और उसके कुछ दिन बाद से ही परमबीर लापता हो गए थे।
इन आरोपों के बाद परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया था और उनका ट्रांसफर डीजी होमगार्ड के पद पर कर दिया था।
कुछ दिन बाद परमबीर सिंह लापता हो गए थे और ज़बरन वसूली के एक मामले मुंबई की एक अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद पिछले हफ्ते अचानक परमबीर मुंबई क्राइम ब्रांच के सामने हाजिर हुए थे और अपना बयान दर्ज कराया था।
अपनी राय बतायें