महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी खोने के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ठाकरे ने पहले सरकार खोई, उसके बाद स्पीकर के चुनाव में और अब उन्हें विश्वास मत में भी हार का सामना करना पड़ा है।
इसके अलावा शिवसेना के एक और विधायक संतोष बांगड़ ने एकनाथ शिंदे गुट का हाथ थाम लिया है। ऐसे में अब शिंदे गुट के विधायकों की संख्या 40 हो गयी है और उद्धव ठाकरे गुट के पास सिर्फ 15 विधायक बचे हैं।
अब इन 15 विधायकों पर अयोग्यता की कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
एकनाथ शिंदे गुट के चीफ व्हिप भरत गोगावले ने विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर के पास एक याचिका दी है जिसमें शिवसेना के 15 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है।
गोगावले ने अपनी याचिका में कहा है कि शिवसेना के 16 विधायकों ने विधानसभा स्पीकर के चुनाव में उनके द्वारा जारी किए गए व्हिप का उल्लंघन किया था जिसके चलते इन सभी विधायकों की सदस्यता रद्द की जाए।
दोनों गुटों ने जारी किया व्हिप
महाराष्ट्र में भले ही नई सरकार का गठन हो गया हो लेकिन राजनीतिक घटनाक्रम लगातार जारी है। रविवार को एकनाथ शिंदे सरकार में नए विधानसभा स्पीकर का चुनाव हुआ जिसमें बीजेपी और शिंदे गुट के उम्मीदवार राहुल नार्वेकर ने जीत हासिल की। चुनाव से पहले शिंदे गुट ने व्हिप जारी किया था और सभी विधायकों को बीजेपी और शिंदे ग्रुप के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने को कहा था।
इसी बीच, उद्धव ठाकरे के ग्रुप ने भी शिवसेना की तरफ से व्हिप जारी कर दिया और शिवसेना के सभी विधायकों (बागी विधायकों समेत) को महा विकास आघाडी के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने को कहा। विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव विधायकों की काउंटिंग करके किया गया था। शिवसेना के सभी बागी विधायकों ने बीजेपी के राहुल नार्वेकर के पक्ष में मतदान किया।
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लेकिन शिंदे गुट के चीफ व्हिप भरत गोगावले ने विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर के पास एक याचिका दाखिल कर दी जिसमें उन्होंने शिवसेना के 15 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है।
कार्यवाही की मांग
गोगावले ने अपनी याचिका में कहा है कि शिंदे गुट के पास इस समय दो-तिहाई से भी ज्यादा विधायकों का समर्थन है ऐसे में व्हिप जारी करने का अधिकार उनके पास है। गोगावले का कहना है कि उन्होंने शिवसेना के 15 विधायकों को भी बीजेपी और शिंदे गुट के उम्मीदवार का समर्थन करने की चिट्ठी लिखी थी लेकिन उन्होंने महा विकास आघाडी के उम्मीदवार के पक्ष में वोट दिया, लिहाजा पार्टी विरोधी गतिविधि के चलते उन पर कार्यवाही की जाए।
उधर, शिवसेना ने भी विधानसभा स्पीकर के पास बागी विधायकों की शिकायत की है कि उन्होंने व्हिप का उल्लंघन किया है लिहाजा उनकी सदस्यता रद्द की जाए। शिवसेना की तरफ से व्हिप कौन जारी करेगा और शिवसेना के विधायक दल का नेता कौन है, इस पर सस्पेंस बना हुआ था।
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लेकिन विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने उद्धव ठाकरे गुट को झटका देते हुए शिवसेना के विधायक दल के नेता के रूप में एकनाथ शिंदे की बहाली कर दी जबकि चीफ व्हिप भरत गोगावले को बना दिया।
दरअसल, शिवसेना से बगावत के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे और भरत गोगावले को उनके पदों से मुक्त कर दिया था। जिसके खिलाफ शिंदे और गोगावले ने पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिरवल के पास शिकायत की थी।
लेकिन झिरवल ने शिंदे और गोगावले की मांग को खारिज करते हुए शिवसेना के सुनील प्रभु को चीफ व्हिप और अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बना दिया था।
अगर स्पीकर राहुल नार्वेकर ने शिंदे गुट के भरत गोगावले द्वारा दायर की गई याचिका के बाद शिवसेना के 15 विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया तो निश्चित रूप से उद्धव ठाकरे की मुश्किलों में और इजाफा हो जाएगा।
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