ईडी ने कथित रूप से 38 करोड़ रुपये के जंबो कोविड सेंटर घोटाले के सिलसिले में बुधवार को मुंबई में और आसपास के क्षेत्रों में कम से कम 15 परिसरों पर छापा मारा। जिन लोगों के परिसरों पर छापे मारे गए उनमें उद्धव टीम के क़रीबी लोग भी शामिल हैं।
ईडी द्वारा ली जा रही तलाशी में उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के करीबी सहयोगी सूरज चव्हाण का चेंबूर स्थित आवास और शिवसेना (यूबीटी) के एक अन्य नेता संजय राउत के करीबी सहयोगी सुजीत पाटकर का सांताक्रूज स्थित आवास भी शामिल हैं। एजेंसी आईएएस अधिकारी संजीव जायसवाल के परिसरों की भी तलाशी ले रही है- जो बृहन्मुंबई नगर निगम के अतिरिक्त नगर आयुक्त थे। वर्ली में लाइफलाइन अस्पताल प्रबंधन सेवाओं के साथ-साथ कथित घोटाले में शामिल आपूर्तिकर्ताओं, ठेकेदारों और बिचौलियों की भी तलाश की जा रही है।
छापेमारी की ख़बर लगते ही शिवसेना के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और ईडी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। ईडी की यह कार्रवाई उस मामले में हो रही है जिसमें बीजेपी नेता ने भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। हालाँकि, भाजपा नेता किरीट सोमैया ने दावा किया है कि यह 100 करोड़ रुपये का घोटाला है, वहीं मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा यानी ईओडब्ल्यू ने इसे 38 करोड़ रुपये का बताया है।
कथित घोटाला व्यवसायी सुजीत पाटकर की लाइफलाइन अस्पताल प्रबंधन सेवाओं को जंबो कोविड केंद्र के प्रबंधन के लिए बीएमसी द्वारा ठेके देने से संबंधित है। भाजपा के वरिष्ठ नेता किरीट सोमैया ने शिकायत दर्ज कराई थी और आरोप लगाया था कि पाटकर और उनके तीन सहयोगियों को ऐसे केंद्र चलाने का कोई अनुभव नहीं होने के बावजूद ठेके दिए गए। पाटकर को शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत का करीबी सहयोगी कहा जाता है।
Heard Raids on Sujeet Patker Lifeline Hospital Management Services in ₹100 crore BMC COVID Center Scam ..
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) June 21, 2023
Hisab to Dena hi Hoga @BJP4India pic.twitter.com/i6e4BeDJnk
बता दें कि बीएमसी के 'जंबो कोविड केंद्रों से संबंधित कथित घोटाले में ईडी की मनी-लॉन्ड्रिंग जांच सोमैया द्वारा पिछले साल अगस्त में आज़ाद मैदान पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले पर आधारित है। अक्टूबर 2022 में मामला ईओडब्ल्यू को ट्रांसफर कर दिया गया था।
कोविड महामारी के दौरान बीएमसी द्वारा मुंबई में फील्ड अस्पताल स्थापित किए जा रहे थे। भाजपा द्वारा यह आरोप लगाया गया कि शिवसेना नेताओं से जुड़े ठेकेदारों को अत्यधिक दरों पर ठेके दिए गए थे और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में उनका कोई पूर्व अनुभव नहीं था।
सोमैया ने अपनी पुलिस शिकायत में आरोप लगाया है कि आरोपी फर्म को उसके पार्टनरशिप डीड सहित जाली दस्तावेजों के आधार पर ठेका मिला था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि फर्म ने बीएमसी से इस तथ्य को छुपाया कि उसे पुणे मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा चिकित्सा सेवाएं देने से ब्लैकलिस्ट किया गया था।
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