महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर घमासान मचा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने जब से इसे स्थगित करने का आदेश दिया है तब से प्रदेश में राजनीति गरमाई हुई है। विपक्ष ठाकरे सरकार पर इस मुद्दे पर सही पक्ष पेश करने में विफल रहने का आरोप लगा रहा है तो सत्ता में सहभागी कांग्रेस की तरफ से राज्य सरकार पर दबाव डाला जा रहा है कि वह मराठा समाज को आरक्षण दे लेकिन ओबीसी आरक्षण कोटे पर उसका प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। यानी मराठा आरक्षण का अलग से ही प्रावधान हो।
महाराष्ट्र: मराठा आरक्षण पर घमासान, इस चुनौती से कैसे निपटेगी उद्धव सरकार?
- महाराष्ट्र
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- 24 Sep, 2020

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर घमासान मचा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने जब से इसे स्थगित करने का आदेश दिया है तब से प्रदेश में राजनीति गरमाई हुई है।
इस मामले में सरकार कितनी दबाव में है, इस बात का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार राज्यसभा के सत्र में भी शामिल नहीं हुए। पवार ने सभी नेताओं तथा कानूनी सलाहकारों में सामंजस्य बिठाने के लिए अनेक बैठकें कीं तथा सुप्रीम कोर्ट में नई पुनर्विचार याचिका दायर करायी।
इन बैठकों के बाद एक आम सहमति बनने की खबर सामने आ रही है। खबर है कि सुप्रीम कोर्ट के अग्रिम आदेश तक मराठा समाज को क्या आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग को मिलने वाले 10 फीसदी आरक्षण का लाभ दे दिया जाए?