100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किये महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 11 अप्रैल तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है। सीबीआई के वकीलों ने अदालत से 10 दिनों की सीबीआई हिरासत की मांग की थी लेकिन सीबीआई की विशेष अदालत ने देशमुख को 11 अप्रैल तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया। सीबीआई ने आज ही अनिल देशमुख को भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के सिलसिले में मुंबई की आर्थर रोड जेल से गिरफ़्तार किया था। अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने 100 करोड़ रुपए की वसूली के आरोप लगाए थे जिसके बाद सीबीआई ने अनिल देशमुख के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था।
कोर्ट में क्या-क्या हुआ?
सीबीआई के वकील ने अदालत को बताया कि अनिल देशमुख पर मुंबई के रेस्टोरेंट और बार से 100 करोड़ रुपए की उगाही के गंभीर आरोप मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने लगाए थे, जिसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर अनिल देशमुख के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई के वकील ने अदालत को बताया कि अनिल देशमुख को इस मामले में सीबीआई ने कई समन भेजे थे लेकिन देशमुख अचानक गायब हो गए थे और इस मामले में कोई जांच नहीं हो पाई थी। अब वह पूछताछ करना चाहती है।
सीबीआई ने अदालत को बताया कि जांच में यह पता चला है कि संजीव पलांडे, कुंदन शिंदे और सचिन वाजे भी इस मामले में शामिल हैं। इसने अदालत को बताया कि संजीव पलांडे, कुंदन शिंदे और सचिन वाजे को सीबीआई ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है इसलिए वह इन सभी आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करना चाहती है ताकि 100 करोड़ रुपए की वसूली के रैकेट के तार और किस-किस से जुड़े हुए हैं, इस बात का पता लगाया जा सके।
सीबीआई के वकील ने अदालत में दावा किया कि अनिल देशमुख सचिन वाजे के ज़रिए मुंबई के बार मालिकों से वसूली करवाते थे। इसके लिए संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे भी सचिन वाजे के संपर्क में थे। अब तक 4.60 करोड़ रुपये की फिरौती वसूल की गई है जिसके सबूत सीबीआई के पास हैं। संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे यह कुबूल कर चुके हैं कि उन्होंने सचिन वाजे से 4 करोड़ 60 लाख रुपए की रकम देशमुख को देने के लिए दी थी।
सीबीआई के वकील ने कहा कि वसूली का यह रैकेट काफी बड़ा है इसलिए सीबीआई अनिल देशमुख को कस्टडी में लेकर दिल्ली ले जाकर पूछताछ करना चाहती है।
सीबीआई की मांग पर अदालत ने सवाल उठाते हुए पूछा कि पहले भी अनिल देशमुख से पूछताछ मुंबई में हुई है तो ऐसे में उनको दिल्ली ले जाने का मतलब क्या बनता है। इस पर सीबीआई के वकील ने अदालत को बताया कि सीबीआई का हेडक्वार्टर दिल्ली में है और यह मामला भी दिल्ली में दर्ज हुआ है। मुंबई में सीबीआई के दफ्तर में बहुत अच्छी सुविधाएँ नहीं है जिसके चलते यहाँ जाँच नहीं की जा सकती।
सीबीआई की दलीलों का जवाब देते हुए अनिल देशमुख के वकील अनिकेत निकम ने अदालत को बताया कि देशमुख को दिल्ली ले जाकर जांच करने की ज़रूरत नहीं है। मुंबई के सीबीआई मुख्यालय में अनिल देशमुख से तीन दिन तक पूछताछ हुई है ऐसे में देशमुख को दिल्ली ले जाकर पूछताछ करने का कोई औचित्य नहीं बनता है। देशमुख के वकील ने अदालत को यह भी बताया कि उनके मुवक्किल की तबीयत ठीक नहीं है और वह कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, ऐसे में वह मुंबई से दिल्ली यात्रा नहीं कर सकते। देशमुख के वकील अनिकेत निकम ने कहा कि अनिल देशमुख की उम्र 73 साल है और उनकी सेहत के लिए लंबी यात्रा करने पर डॉक्टरों ने मनाही की है, ऐसे में सीबीआई ऑर्थर रोड जेल में ही अनिल देशमुख से पूछताछ कर सकती है। फ़िलहाल सीबीआई को कस्टडी देने की भी कोई जरूरत नहीं है।
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने अनिल देशमुख को 11 अप्रैल तक सीबीआई की कस्टडी में भेज दिया। ऐसे में सीबीआई अब अनिल देशमुख से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि मुंबई से कितने बार और रेस्टोरेंट से सचिन वाजे के ज़रिए और कितने रुपयों की उगाही की गई थी।
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