बंबई हाई कोर्ट ने उस फ़ैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें एनसीपी नेता नवाब मलिक को समीर वानखेड़े व उनके परिवार से जुड़ी जानकारियों को सार्वजनिक करने पर रोक लगा दी गई थी।
एस. जे. काठवाला व मिलिंद जादव की बेंच ने सोमवार को पहले के उस फ़ैसले को खारिज कर दिया।
नवाब मलिक इस पर राजी हो गए थे कि वे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के क्षेत्रीय निदेशक समीन वानखेड़े व उनके परिवार से जुड़ी कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं करेंगे।
समीर के पिता ध्यानदेव वानखेड़े ने इसके पहले अदालत में गुहार लगाई थी और नवाब मलिक पर अंकुश लगाने की दरख़्वास्त की थी। उन्होंने कहा था कि मलिक लगातार उनके परिवार पर आरोप लगा रहे हैं, जिसे साबित नहीं किया जा सकता है।
क्या कहा था नवाब मलिक ने?
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने बॉम्बे हाई कोर्ट से कहा था कि वे 9 दिसंबर समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े और उनके परिवार को लेकर न तो कोई ट्वीट करेंगे और न ही बयान देंगे।
इसके पहले की सुनवाई में अदालत ने नवाब मलिक को आगाह किया था कि वे किसी सामग्री को सार्वजनिक करने के पहले उसकी अच्छी तरह से पड़ताल कर लें और उसे सत्यापित भी कर लें।
मलिक आर्यन ख़ान क्रूज़ ड्रग्स मामले में एनसीबी के अफ़सर समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ लगातार हमला बोल रहे हैं। समीर वानखेड़े के पिता ने नवाब मलिक पर मानहानि का मुक़दमा किया है और कहा है कि मलिक ने उनके और उनके परिवार के ख़िलाफ़ झूठे आरोप लगाए हैं।
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