मराठा सम्राट शिवाजी पर विवादास्पद टिप्पणी के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के ख़िलाफ़ अब बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया गया है। अदालत में दायर एक याचिका में उन्हें हटाने की मांग की गई है। याचिका में राज्यपाल और बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी के ख़िलाफ़ भी एफ़आईआर दर्ज करने की मांग की गई है। आरोप लगाया गया है कि सुधांशु त्रिवेदी ने कथित तौर पर कहा था कि शिवाजी ने मुगल बादशाह औरंगजेब से 'माफी मांगी' थी।
यह पूरा विवाद तब उठा है जब औरंगाबाद में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में एक समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल कोश्यारी ने टिप्पणी की थी कि शिवाजी महाराज एक 'पुराना आदर्श' बन गए हैं और नए आदर्श बाबासाहेब आंबेडकर में नितिन गडकरी के रूप में मिल सकते हैं। उन्होंने कहा था, 'अगर कोई पूछता है कि आपका आदर्श कौन है, तो आपको उसको ढूंढने बाहर जाने की ज़रूरत नहीं है। आप उन्हें यहीं महाराष्ट्र में पाएंगे। छत्रपति शिवाजी महाराज अब एक पुराने आदर्श बन गए हैं, आप नये आदर्श पा सकते हैं - बाबासाहेब आम्बेडकर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के रूप में।'
उनके इसी बयान को लेकर दीपक दिलीप जगदेव नाम के एक शख्स ने याचिका दायर कर मांग की है कि अदालत को निर्देश देना चाहिए कि 'राजद्रोह का दोषी पाए जाने पर, या संघ की सुरक्षा, अखंडता के खिलाफ किसी भी अपराध का दोषी पाए जाने पर राज्यपाल पर महाभियोग लगाया जा सकता है।' याचिका में यह भी मांग की गई है कि राज्यपाल को निर्देश दिया जाए कि याचिका लंबित होने तक मनोचिकित्सक से मानसिक स्वस्थता/मानसिक सुदृढ़ता का प्रमाणपत्र ले लें।
अदालत में इस याचिका से पहले शिवसेना के शिंदे खेमे के विधायक ने भी राज्यपाल को हटाने की मांग की थी। उससे पहले से ही शिवसेना का उद्धव खेमा इस मुद्दे को जोर शोर से उठा रहा है।
गायकवाड़ ने कहा था, 'मैं भाजपा के सभी केंद्रीय नेताओं से अनुरोध करता हूँ कि एक राज्यपाल जो यहाँ के इतिहास को नहीं जानता है या यह कैसे काम करता है - ऐसे व्यक्ति को रखने से कोई फायदा नहीं होगा... इसलिए यह हमारी मांग है कि मराठी व्यक्ति को राज्यपाल बनाया जाए। आप जहां चाहें कोश्यारी को भेजें।'
हालाँकि, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शिवाजी पर कोश्यारी की टिप्पणियों को लेकर मामला शांत कराने की कोशिश की है। उन्होंने सहयोगी एकनाथ शिंदे को खुश करने के प्रयास में कहा, 'शिवाजी महाराज हमारे भगवान हैं... हम उन्हें अपने माता-पिता से भी ज्यादा मानते हैं।'
संजय राउत ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की टिप्पणी की आलोचना की है और उनको हटाने की मांग की है। राउत ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की भी मांग की है।
संजय राउत ने शिंदे से पूछा था कि उनका वह 'स्वाभिमान' कहां है जिसका उन्होंने उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ विद्रोह करते समय ज़िक्र किया था।
संजय राउत ने मराठा शासक को 'पुराना आदर्श' कहने वाली कोश्यारी की टिप्पणी को लेकर शिंदे पर 'चुप' रहने का आरोप लगाया। राउत ने महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा था, 'राज्यपाल ने एक वर्ष में चार बार शिवाजी महाराज का अपमान किया है। फिर भी, सरकार चुप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह शिवाजी महाराज को आदर्श मानते हैं। और उनके राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि शिवाजी महाराज ने औरंगजेब से पांच बार माफी मांगी। क्या यह बीजेपी का आधिकारिक रुख है? भाजपा को महाराष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए और राज्यपाल को तुरंत हटा देना चाहिए।'
उद्धव ठाकरे गुट के एक प्रवक्ता आनंद दुबे ने एक बयान में कहा था, 'छत्रपति शिवाजी महाराज न केवल हमारे देवता हैं, बल्कि हमारे प्रेरणा स्रोत भी हैं। वह हमेशा हम सभी के आदर्श रहेंगे।'
उद्धव ठाकरे खेमे के संजय राउत ने यह निशाना तब साधा है जब हाल में बीजेपी और शिंदे खेमा सावरकर को लेकर उद्धव खेमे पर हमलावार रहा है। इसके साथ ही इसने कहा था कि बाला सहब ठाकरे सावरकर का सम्मान करते थे, जबकि उद्धव का खेमा उस कांग्रेस के साथ है जिसके नेता राहुल गांधी ने सावरकर का अपमान किया है। शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट यानी बालासाहेबची शिवसेना की नेता वंदना सुहास डोंगरे ने राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
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