भीमा कोरेगाँव हाल के वर्षों में काफ़ी विवादों में रहा है। पहले हिंसा के लिए। और फिर सामाजिक कार्यकर्ता के पी. वरवर राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फ़रेरा, गौतम नवलखा और वरनो गोन्जाल्विस के ख़िलाफ़ कार्रवाई और ‘अर्बन नक्सल’ की कहानी के लिए। ‘अर्बन नक्सल’ तक कहानी भी पहुँची भीमा कोरेगाँव में 2018 में हिंसा के बाद ही।