महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को सोमवार को मुंबई की एक विशेष अदालत ने दो हफ़्ते की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। मनी लॉन्ड्रिन्ग के आरोपों के मामले में देशमुख को जेल भेजा गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने 7 नवंबर को उन्हें ईडी की हिरासत में भेज दिया था। बाद में एक विशेष अदालत ने ईडी की मांग पर उनकी हिरासत को 15 नवंबर तक बढ़ा दिया था।
जांच एजेंसी ईडी ने देशमुख को 2 नवंबर को गिरफ़्तार किया था और इससे पहले 12 घंटे तक उनसे पूछताछ की थी।
अदालत ने देशमुख की घर से खाना दिए जाने की मांग को ठुकरा दिया। अदालत ने कहा कि पहले वे जेल का खाना खाएं फिर आगे विचार किया जाएगा। हालांकि अदालत ने उनकी जेल में बिस्तर की मांग को स्वीकार कर लिया।
देशमुख उस समय सीबीआई और ईडी के निशाने पर आए थे जब मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने उन पर मुंबई के पब, रेस्टोरेंट और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के आरोप लगाए थे। परमबीर सिंह ने इस बारे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था।
परमबीर सिंह पर हमला
देशमुख ने गिरफ़्तार होने से पहले एक वीडियो जारी कर कहा था कि कुछ लोगों ने अपने फ़ायदे के लिए झूठे आरोप लगाकर उन्हें शिकार बना लिया। देशमुख ने कहा था, “ये आरोप ऐसे लोगों ने लगाए थे जो न तो भरोसेमंद हैं और न ही इनकी कोई इज्जत है। ऐसे बेईमान लोग ख़ुद ही वसूली और हत्या के कई रैकेट्स में डूबे हुए हैं।”
उन्होंने बिना नाम लिए परमबीर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा था कि पुलिस में आयुक्त जैसे ऊंचे पद पर रहा एक शख़्स अब भगोड़ा वांछित अपराधी बन चुका है। बता दें कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह का कहीं कोई पता नहीं है। उन्होंने कहा था कि उनके स्टाफ़ और पूरे परिवार ने हमेशा से जांच में ईडी को सहयोग दिया है।
29 अक्टूबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने ईडी की ओर से देशमुख के ख़िलाफ़ जारी किए गए समन को रद्द करने से इनकार कर दिया था और उन्हें निर्देश दिया था कि वे जांच एजेंसी के सामने पेश हों। ईडी ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने गृह मंत्री रहते हुए कई बार मालिकों से 4.7 करोड़ रुपये का अवैध फ़ायदा लिया था।
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