महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस ने अपनी एक परिचित के खिलाफ धमकी देने और साजिश का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई थी। अमृता ने जिसके खिलाफ एफआईआर कराई है उसकी पहचान अनीक्षा के रूप में की गई है, जो कि पेशे से एक डिजाईनर है। उसने एक आपराधिक मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए उन्हें एक करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की थी। इंडियन एक्सप्रेस द्वारा अमृता फडणवीस द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के बाद गुरुवार को विपक्ष के नेता अजीत पवार ने
विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया और देवेंद्र फडणवीस से सफाई मांगी।
देवेंद्र ने इसे उनके
खिलाफ साजिश का हिस्सा है उन्होंने कहा कि पैसों से भरा यह बैग उनके राजनीतिक
करियर को बर्बाद करने के लिए बिछाया गया जाल है। देवेंद्र फडणवीस ने सदन
में सफाई देते हुए कहा, ‘मैं इस मुद्दे को
उठाने के लिए अजीत पवार को धन्यवाद देता हूं। मेरी पत्नी ने एफआईआर कराई है। कुछ
लोगों ने मुझ पर दबाव बनाने के लिए अमृता का इस्तेमाल किया है। देवेंद्र ने इस
मामले में अनिल जयसिंघानी पर आरोप लगाया जो पहले से ही फरार है और उसके खिलाफ
मामले दर्ज हैं’।
देवेंद्र ने बताया कि 2015-16 में उनकी बेटी(अनीक्षा) अमृता से मिलती थी। बाद में सिलसिला
यह बंद हो गया। उसने 2021 में फिर से अमृता से यह कहकर मिलना शुरू किया
कि वह एक डिजाइनर है। इस दौरान उसने अमृता का विश्वास हासिल किया। उसने तो एक
किताब प्रकाशित करने का दावा भी किया।
देवेंद्र फडणवीस ने आरोप
लगाया कि अनिल जयसिंघानी की बेटी ने अमृता को उपहार में कुछ डिजाइनर कपड़े भी दिए।
बाद में उसने अमृता को अपने पिता के बारे में बताया और कहा कि उसके खिलाफ फर्जी
मामले दर्ज हैं और मदद मांगी। उसने यह भी कहा कि मेरे पिता सट्टेबाजों को जानते
हैं और उन पर छापा मारकर हम पैसे कमा सकते हैं। मेरी पत्नी ने मना कर दिया। उसने
(जयसिंघानी की बेटी) फिर से संपर्क किया और कहा कि वह अपने पिता को बचाने में मदद
के लिए एक करोड़ रुपये की पेशकश की।
मुंबई के मालाबार हिल पुलिस स्टेशन में 20 फरवरी को दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, अनिक्षा पिछले 16 महीनों से अमृता फडणवीस के संपर्क में थी, इस दौरान वह उनके आवास पर आई थी।
एफआईआर में कहा गया है कि
अनिक्षा ने कथित तौर पर अमृता फडणवीस को कुछ सट्टेबाजों की जानकारी देने की पेशकश
की, जिसके माध्यम से वे पैसे कमा सकती थीं। इस जानकारी के बदले
में अनिक्षा ने अपने पिता के खिलाफ चल रहे पुलिस के मामले से बचाने के लिए एक करोड़ रुपये की पेशकश की।
अमृता फडणवीस ने शिकायत
में कहा कि 18 और 19 फरवरी को अनिक्षा ने किसी अज्ञात फोन नंबर से अपने कई वीडियो, वॉयस नोट और कई मैसेज भेजे। अमृता फडणवीस ने प्राथमिकी में कहा कि वह अपने
पिता के साथ मिलकर से अमृता धमकी दे रही थी उनके साजिश रच रही थी।
अमृता द्वारा दर्ज कराई
गई एफआईआर में अनिक्षा को नामजद किया गया है, इसमें अनिक्षा के पिता को दूसरा आरोपी बनया गया है। इंडियन
एक्सप्रेस ने अमृता फडणवीस द्वारा एफआईआर में दर्ज कराए गए एक नंबर पर संपर्क करने
की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
पुलिस ने अनीक्षा और उसके
पिता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी) (साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण
अधिनियम 1988 की धारा 8 और 12 के तहत मामला दर्ज किया है। अमृता द्वारा दर्ज कराई गई
एफआईआर पर हुई प्रगति के बारे में पूछने पर मुंबई पुलिस के अधिकारी ने बताया कि
मामले की जांच जारी है लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
पुलिस को दिए बयान में अमृता
ने कहा, 'अनिक्षा ने बताया कि वह कपड़े, आभूषण और फुटवियर डिजाइनर है। उसने मुझे सार्वजनिक कार्यक्रमों में अनिक्षा
द्वारा डिजाइन किए गए प्रोडक्ट को पहनने का आग्रह किया, ताकि उसके द्वारा डिजाइन किए कपड़े, आभूषण और फुटवियर को बढ़ावा
मिलेगा। मैने सहानुभूति में ऐसा करने के
लिए हामी भर दी थी।
अपनी शिकायत में अमृता ने
अनिक्षा के बारे में बताया कि वह उससे पहली बार नवंबर 2021 में मिली थी, जिसमें
उसने दावा किया था कि अपनी मां को खोने के बाद उसने ही अपने परिवार के खर्चों की
जिम्मेदारी उठाई। पहली मुलाकात के बाद अनिक्षा कई बार डिप्टी सीएम के आधिकारिक आवास पर आती रही।
अमृता ने कहा, 'एक बार वह आई और हमारे स्टाफ को कुछ डिजाइनर कपड़े और आभूषण दिए और इनको किसी
सार्वजनिक कार्यक्रम में पहनने का अनुरोध किया’। मुझे याद नहीं
कि मैंने किसी इवेंट में वह ड्रेस पहनी या नहीं। बाद में वह सामान कर्मचारियों के माध्यम से उन्हें वापस कर दिया गया
या फिर दान कर दिया। अनिक्षा द्वारा डिजाइन किया गया कोई भी सामान अब मेरे पास
नहीं है।
एफआईआर के अनुसार, अनिक्षा ने एक बार नवंबर-दिसंबर 2022 में अमृता को उनके घर में एक हार भेंट किया था। जिसे अमृता ने किसी भी कार्यक्रम में नहीं पहना। लेकिन अनिक्षा को बताया कि उसने इसे कुछ कार्यक्रमों में पहना था क्योंकि वह उसे (अनिक्षा) दुख नहीं पहुंचाना चाहती थी।
एफआईआर में अमृता ने कहा
कि ऐसी ही एक बैठक में अनीक्षा ने बताया कि उसके पिता के कई राजनीतिक दलों के
नेताओं के साथ करीबी संबंध हैं। बाद में उसने मेरे एक स्टाफ को एक लाखोट (कागज का
लिफाफा) सौंपा और उसे मुझे देने का को कहा। जब मैंने वह लिफाफा खोला, तो मुझे एक हस्तलिखित नोट मिला,
लेकिन चूंकि मुझे उसका
मतलब समझ नहीं आया, इसलिए मैंने उस लिफाफे को एक तरफ रख दिया।
एफआईआर में अमृता ने 27
जनवरी, 2023 को पुणे में हुई एक अन्य मुलाकात का जिक्र
किया जिसमें अमृता बतौर चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल हुई थीं। फडणवीस ने पुलिस को
दिए बयान में कहा, 'मैं उसे उस कार्यक्रम में
देखकर हैरान थी क्योंकि वह मुंबई में रहती है। जब मैंने अनिक्षा से इस बारे में पूछा तो उसने मुझे बताया कि मेरे एक
कर्मचारी ने उसे पास दिया है।
मुंबई लौटते हुए जब मेरे
बॉडी गार्ड ने मेरी गाड़ी को रोका तो मैंने देखा कि अनिक्षा वहां खड़ी हुई है।
इसके लिए उसने गार्ड से झूठ बोला था कि मैडम उससे मिलेंगी।
यह जानते हुए भी कि वह
झूठ बोल रही है मैंने उसे अपनी गाड़ी में बैठ जाने को कहा क्योंकि मैं वहां पैनिक
क्रिएट नहीं होने देना चाहती थी। अमृता ने अपनी शिकायत में कहा कि उसने बताया कि
उसके पिता पुलिस को सट्टेबाजों के जानकारी देते रहते हैं। यहां पर उसने मुझे पुलिस
को कार्रवाई करने का बोलकर पैसा कमाने या फिर सट्टेबाजों से कोई कार्रवाई न करने
को लेकर पैसा कमाने का ऑफर दिया।
अपनी शिकायत में अमृता ने
कहा कि उसके ऑफर को सुनने के बाद में गाड़ी रोककर उसे नीचे उतरने को कहा, गाड़ी से उतरने के बाद वह दूसरी गाड़ी में बैठ गई जो पीछे ही आ रही थी। उसके
बाद से मैंने अनिक्षा के लगातार आ रहे फोन को नजरंदाज करना शुरू कर दिया।
अमृता की तरफ से पुलिस को दिए बयान में कहा गया
है कि 16 फरवरी की रात 9.30 बजे, अनिक्षा ने अमृता फडणवीस से संपर्क किया और थोड़ी देर की बातचीत के बाद कथित
तौर पर अनिक्षा ने अमृता को बताया कि उसक पिता को एक मामले में आरोपी बनाया गया है,
और उन्हें बचाने के लिए उसने 1 करोड़ रुपये की पेशकश की।
अमृता फडणवीस ने पुलिस को
दिए अपने बयान में कहा, "जैसे ही मैंने यह सुना, मैंने फोन काट दिया और उसके नंबर को भी ब्लॉक कर दिया। 18 फरवरी को रात 11.55 बजे से
मध्यरात्रि 00.15 बजे (19 फरवरी) के बीच अमृता
फडणवीस को अपने व्हाट्सएप पर एक अज्ञात नंबर से 22 वीडियो क्लिप, तीन वॉयस नोट और कई संदेश मिले। उसी नंबर से यही वीडियो, मैसेज और वॉइस नोट
उनके कर्मचारी को भी भेजे गए। 19
फरवरी को रात 10 बजे, एक ही नंबर से लगभग
40 संदेश, वीडियो, वॉयस नोट और स्क्रीन शॉट
भेजे गए। मुझे पता चला कि मोबाइल नंबर अनिक्षा के पिता का है।
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