कहावत है, ‘सैयां भये कोतवाल तो डर काहे का’ इस उक्ति को ‘रंगदारी’ करने वाले ‘चरितार्थ’ करते रहते हैं। रंगदार यदि नेता हो और वह भी सत्तारूढ़ दल से जुड़ा, तो फिर मसला करेला और नीम चढ़ा वाला भी हो जाता है। शुक्रवार को मध्य प्रदेश की महाकाल नगरी उज्जैन में चौंकाने वाला ऐसा ही एक भयावह घटनाक्रम हुआ, जिसने प्रशासन के होश भी फाख्ता कर दिए।
उज्जैन शहर से लगे देवास की भाजपा विधायक गायत्री राजे पवार के बेटे विक्रम सिंह गाड़ियों के काफिले के साथ उज्जैन के उस महाकाल लोक के उस क्षेत्र में घुस गए, जिसमें प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री अथवा अन्य किसी भी वीवीआईपी का काफिला भी नहीं जाता है। विक्रम सिंह के पिता स्वर्गीय तुकोजी राव पवार देवास से लंबे वक्त तक विधायक रहे। उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सरकार में वे मंत्री भी रहे।
महाकाल दर्शन और महाकाल लोक देखने आने वाले वीआईपी गाड़ियों को महाकाल लोक परिसर के कंट्रोल रूम के पास रोका जाता है। यहां से वीआईपी पैदल या ई-कार्ट से मंदिर तक जाते हैं, लेकिन विक्रम सिंह ने ऐसा नहीं किया। वह गाड़ियों का काफिला कंट्रोल रूम से ले जाते हुए महाकाल लोक तक लेकर गए। यहां से वे मानसरोवर तक भी पहुंच गए।
घटनाक्रम देख सुरक्षाकर्मी चौंक गए। अफरा-तफरी मच गई। कलेक्टर-एसपी ने जब यह देखा तो उन्होंने दौड़ लगाकर गाड़ियों को रोका। वाहनों को जब्त कर थाने पहुंचा दिया। काफिले के वाहनों में सवार लोगों/चालकों से कलेक्टर और एसपी की बहस भी हुई। हालांकि, इस दौरान विक्रम सिंह महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच चुके थे। शुक्रवार को नागपंचमी पर्व पर लाखों श्रद्धालु महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे थे। ऐसे में कुछ मार्गों को वन वे और कुछ पर गाड़ियों की एंट्री बंद कर दी थी। पूरे घटनाक्रम को सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है।
उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने मीडिया से कहा गाड़ियों के काफिले ने अनाधिकृत प्रवेश किया है। सभी को जब्त कर थाने पहुंचाया गया है। सभी पर चालानी कार्रवाई की जाएगी।
‘जितना फाइन बताइये भर देंगे’
हंगामे के बाद विक्रम सिंह ने माफी मांग ली। उन्होंने मीडिया से कहा, ‘गलती से नो एंट्री में घुस गए थे। गलत टर्न ले लिया था। सब पुलिसवाले पहचानते थे। गलती तो हुई है। हमने कहा है जितना भी फाइन होता है हमसे ले लीजिए। फाइन आधे घंटे में भर देंगे। उधर कांग्रेस ने मुद्दा बनाते हुए भाजपा को आड़े हाथों लिया। स्थानीय विधायक महेश परमार ने कहा कि भक्त आठ-आठ घंटे लाइन में लगकर दर्शन कर रहे हैं और बीजेपी विधायक का बेटा गाड़ियों को महाकाल लोक के अंदर तक ले जा रहा है। भगवान के मंदिर में इस तरह की घटना से छवि खराब होती है। ये गलत है।
इंदौर में हुआ था बल्लामार कांड
भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की रंगदारी के किस्सों की फेहरिस्त लंबी है। इंदौर में आकाश विजयवर्गीय का ‘बल्लामार कांड’ देश भर में मीडिया की सुर्खियां बना था। भाजपा के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश तब विधायक थे। विधानसभा क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने पहुंचे अमले पर आकाश बरस पड़े थे। क्रिकेट का बैट उठाकर उन्होंने नगर निगम के अफसर को जमकर धुना था। पूरा घटनाक्रम बड़ी खबर बनी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घटना पर न केवल अफसोस जताया था, बल्कि कहा था, ‘यह भाजपा की संस्कृति नहीं है। वे इसे पसंद नहीं करते।’
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