यह साफ़ दिख रहा है कि वाम दल, ख़ासकर सीपीआई और सीपीएम, बिहार की राजनीतिक ज़मीन पर लकवाग्रस्त होकर हाँफ रही हैं। ऐसे में इनके नेताओं को लगने लगा है कि जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार अपनी रणनीति, कूटनीति, वाणी अस्त्र से पार्टी में जान फूंक देंगे।
क्या बिहार में सीपीआई को जिंदा कर पाएँगे ‘देशद्रोही’ कन्हैया?
- बिहार
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- 31 Apr, 2019

बिहार में मृत प्राय हो चुकी सीपीआई को इस बार कन्हैया कुमार से काफ़ी उम्मीदें दिख रही हैं। क्या जेएनयू का यह पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष पार्टी को पुनर्जीवित कर पाएगा?