अमित शाह ने क्या अपने आप को भविष्य के प्रधानमंत्री के तौर पर देखना शुरू कर दिया है? क्या वह अपने आप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी के रूप में देखते हैं? क्या वह यह मानते हैं कि मोदी के बाद वह पार्टी के सर्वेसर्वा होंगे? वैसे तो ये सवाल काफी दिनों से ख़ुसफुस अंदाज में उठ रहे थे पर जब से वह राज्यसभा के सदस्य बने हैं, तभी से ये सवाल काफी तेज़ी से अटकलों में तब्दील हो गए। अब इन अटकलों को तेज़ी दी है गाँधीनगर से उनके चुनाव लड़ने की ख़बर ने।