झारखंड सरकार ने अतिरिक्त ज़िला जज उत्तम आनंद की कथित हत्या के मामले को सीबीआई को सौंपने की सिफ़ारिश की है। इस मामले में अब तक ऑटो चालक और उसके एक सहयोगी को गिरफ़्तार किया गया है और झारखंड पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया है। इसकी जाँच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया और एडीजी ऑपरेशन एसआईटी टीम के इंचार्ज बनाए गए हैं।
धनबाद ज़िले की यह घटना चार दिन पहले की है। शुरुआती रिपोर्ट आई थी कि जज की मौत ऑटो की टक्कर से हुई। लेकिन इसके साथ ही हत्या की आशंका जताई जा रही थी। बाद में इस घटना का वीडियो आने पर वह आशंका और पुष्ट हुई कि यह टक्कर जानबूझकर मारी गई है। घटना बुधवार सुबह उस वक़्त हुई थी जब एडिशनल जज उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक पर थे।
इस घटना की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया। सीजेआई एनवी रमन्ना ने झारखंड हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस से इस मामले में बात की।
इसी बीच झारखंड सरकार ने सीबीआई जाँच की सिफारिश की है। पूर्व सीएम और बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मामला उठाए जाने के बाद सरकार ने यह फ़ैसला किया। उन्होंने कहा कि धनबाद के पुलिस अधीक्षक के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
बता दें कि घटना के बाद ही टक्कर मारने वाले ऑटो को जब्त कर लिया गया था। वीडियो क्लिप में दिख रहा था कि जज उत्तम आनंद सड़क किनारे मॉर्निंग वॉक पर थे और पूरी सड़क खाली थी। लेकिन ऑटो ड्राइवर ऑटो को बीच सड़क से किनारे ले आया और जज को टक्कर मारकर फरार हो गया। जज को नज़दीकी अस्पताल में ले जाया गया, जहाँ इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
जब वह सुबह 7 बजे तक घर नहीं लौटे तो परिजनों ने उनकी गुमशुदगी की ख़बर पुलिस को दी। पुलिस ने पता लगाने के बाद इस घटना की जानकारी उन्हें दी। जांच में पता चला कि इस ऑटो को घटना को अंजाम देने से कुछ घंटे पहले ही चुराया गया था।
जज के परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने मामले को 'दुर्घटना' से हत्या के केस में बदलने में देरी की।
झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रवि रंजन ने प्राथमिकी दर्ज करने में कथित देरी पर असंतोष व्यक्त किया था और घटना की एसआईटी जांच के आदेश दिए थे। अदालत ने कहा था कि वह जाँच की निगरानी करेगी और एसआईटी को नियमित अपडेट मुहैया कराने को कहा था। इसने यह भी चेतावनी दी थी कि जांच में देरी के कारण मामला सीबीआई को स्थानांतरित किया जा सकता है।
'एबीपी न्यूज़' की रिपोर्ट के अनुसार धनबाद एसएसपी संजीव कुमार ने कहा है कि पकड़े गए आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा ने यह बात मान ली है कि उनके द्वारा इस अपराध को अंजाम दिया गया है। आरोपी लखन वर्मा के परिजनों ने इस पूरे मामले में अनभिज्ञता जाहिर की है। रिपोर्ट के अनुसार लखन वर्मा की पत्नी पिंकी देवी ने कहा है कि उसका पति कुछ दिन पहले ही एक ऑटो लेकर आया था और कहा था कि उसकी 80 हजार की लॉटरी लगी है, उसी पैसे से उसने पुराना ऑटो खरीदा है।
इस मामले में पुलिस उन मामलों के बारे में भी जानकारी हासिल कर रही है, जिन्हें जज देख रहे थे। जज उत्तम आनंद इन दिनों धनबाद में माफियाओं के द्वारा की गई हत्याओं के मामले की सुनवाई कर रहे थे और हाल ही में उन्होंने दो गैंगस्टर्स की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
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