झारखंड की राजनीति एक दिलचस्प मोड़ पर आ गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा के विशेष सत्र में दुबारा विश्वास मत हासिल कर लिया है। इसके बावजूद राजनीतिक अस्थिरता की संभावना ख़त्म नहीं हुई है। सोरेन की विधानसभा सदस्यता को लेकर निर्वाचन आयोग की अनुशंसा पर राज्यपाल का अब तक कोई क़दम सामने नहीं आया है। ऐसे में संशय की स्थिति बरकरार है।
विश्वासमत के बावजूद झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता की आशंका!
- झारखंड
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- 5 Sep, 2022

जेएमएम नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विश्वास मत जीत लिया तो क्या उनका संकट टल गया है? राजभवन के आने वाले फ़ैसले से क्या राजनीतिक अस्थिरता का डर नहीं है?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली यूपीए महागठबंधन की सरकार ने सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत पेश किया। प्रस्ताव के पक्ष में 48 विधायकों ने मतदान किया। विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा। मत विभाजन से पहले भाजपा एवं आजसू विधायकों ने सदन से वाकआउट किया। इस तरह 81 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान सरकार ने पुनः विश्वासमत हासिल कर लिया। इसके बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।