झारखंड में शह-मात का खेल जारी है। तथाकथित ऑपरेशन लोटस के जवाब में हेमंत सरकार ने 1932 का खतियान और ओबीसी आरक्षण की घोषणा कर दी है। अब झारखंड में किसी भी राजनीतिक उलटफेर की स्थानीय समुदाय में तीखी प्रतिक्रिया हो सकती है। झामुमो-कांग्रेस-राजद और वाम दलों के समर्थन से चल रही हेमंत सरकार को यह कहने का अवसर मिल सकता है कि बीजेपी झारखंड के स्थानीय हितों के ख़िलाफ़ है।
सोरेन का मास्टर स्ट्रोक: ऑपरेशन लोटस के जवाब में 1932 खतियान, ओबीसी आरक्षण
- झारखंड
- |
- |
- 15 Sep, 2022

झारखंड में जब हेमंत सोरेन सरकार पर कथित तौर पर 'ऑपरेशन लोटस' का ख़तरा मंडराने लगा तब सोरेन ने भी जवाबी रणनीति बनाई। जानिए क्या है उनकी रणनीति और क्या बीजेपी उससे पार पाएगी?
इस तरह झारखंड में जारी राजनीतिक ऊहापोह ने दिलचस्प मोड़ ले लिया है। बीजेपी नेताओं ने 25 अगस्त को हेमंत सरकार के गिरने का दावा किया था। कहा गया कि निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता खारिज करते हुए तीन वर्षों तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया था कि ‘अगस्त पार नहीं होगा।‘ यानी अगस्त माह में हेमंत सरकार गिर जाएगी।