झारखंड में शह-मात का खेल जारी है। तथाकथित ऑपरेशन लोटस के जवाब में हेमंत सरकार ने 1932 का खतियान और ओबीसी आरक्षण की घोषणा कर दी है। अब झारखंड में किसी भी राजनीतिक उलटफेर की स्थानीय समुदाय में तीखी प्रतिक्रिया हो सकती है। झामुमो-कांग्रेस-राजद और वाम दलों के समर्थन से चल रही हेमंत सरकार को यह कहने का अवसर मिल सकता है कि बीजेपी झारखंड के स्थानीय हितों के ख़िलाफ़ है।