जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के नेताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाक़ात पर संशय ख़त्म हो गया है। प्रधानमंत्री से नेशनल कॉन्फ़्रेंस ही नहीं, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता भी मिलेंगे।
यह राजनीतिक घटनाक्रम अहम इसलिए है कि पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती के मोदी से मिलने की संभावना पर सवालिया निशान लग रहे थे।
नेशनल कॉफ्रेंस के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने मंगलवार को एलान किया कि 24 जून को होने वाली बैठक में उनके साथ ही महबूबा मुफ़्ती और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के नेता मुहम्मद तारीगामी भी मौजूद रहेंगे।
क्या कहा फ़ारूक़ ने?
जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में गुपकार अलायंस की बैठक के बाद अब्दुल्ला ने कहा,
“
महबूबा जी, मुहम्मद तारीगामी और मैं प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाग लेंगे। हम अपना एजेंडा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के सामने रखेंगे।
फ़ारूक़ अब्दुल्ला, अध्यक्ष, नेशनल कॉन्फ्रेंस
बता दें कि गुपकार गठबंधन यानी गुपकार अलायंस जम्मू-कश्मीर के सात राजनीतिक दलों का संगठन है।
क्या कहना है कांग्रेस का?
गुपकार अलायंस में शरीक कांग्रेस पार्टी ने भी प्रधानमंत्री के साथ होने वाली बैठक में भााग लेने की पुष्टि कर दी है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री
ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा है कि पूर्ण राज्य का दर्जा की बहाली का मुद्दा इस बैठक के एजेंडे में सबसे ऊपर होगा।
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सबसे ऊँची डिमान्ड स्टेटहुड की होगी। विधानसभा के पटल पर भी इसका वायदा किया गया है, और यह पूर्ण राज्य का दर्जा होगा... एल-जी वाला राज्य नहीं।
ग़ुलाम नबी आज़ाद, नेता, कांग्रेस
कांग्रेस की बैठक
कांग्रेस पार्टी के जम्मू-कश्मीर पॉलिसी प्लानिंग ग्रुप की बैठक मंगलवार को होने वाली है। इसमें आज़ाद के अलावा मनमोहन सिंह, करण सिंह, पी. चिदांबरम, राज्य प्रभारी रजनी पाटिल, तारिक़ हामिद कर्रा और गु़लाम अहमद मीर भाग लेंगे।
इस बैठक में अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करने के मुद्दे पर पार्टी विचार करेगी और उसे इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाना है, इस पर चर्चा होगी।
बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने अनुच्छेद 370 ख़त्म करने वाले प्रस्ताव पर लोकसभा और राज्यसभा में विरोध नहीं किया था, लेकिन संसद के बाहर आज़ाद समेत कुछ नेताओं ने इसकी आलोचना की थी।
बात क्या होगी?
इसके बीच सवाल यह उठता है कि इस बैठक में किन मुद्दों पर बात होगी।
पहले यह समझा जाता था कि केंद्र अनुच्छेद 370 की बहाली पर गुपकार गठबंधन के नेताओं से बातचीत करेगा, पर यह समझा जा रहा है कि इस पर फिलहाल कोई बातचीत नहीं होगी।
केंद्र सरकार का पूरा ज़ोर फिलहाल इस पर होगा कि विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन हो, यानी विधानसभा क्षेत्रों का निर्धारण फिर से किया जाए।
'एनडीटीवी' ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि सरकार जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने पर विचार कर सकती है, लेकिन उसे इसके लिए संसद की अनुमति लेनी होगी। इसलिए, वह फिलहाल इस पर भी बात करना नहीं चाहती है।
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