प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला के ख़िलाफ़ बड़ी कार्रवाई की है। सूत्रों के मुताबिक़, ईडी ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में मनी लॉन्डिन्ग के मामले में फ़ारूक़ अब्दुल्ला की लगभग 12 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त कर लिया है। जांच एजेंसी लंबे वक़्त से जेकेसीए में वित्तीय अपराधों के आरोपों को लेकर जांच कर रही थी।
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि ईडी ने इससे पहले मनी लॉन्डिन्ग एक्ट के तहत फ़ारूक़ अब्दुल्ला की संपत्तियों को जब्त करने के लिए आदेश भी जारी किया। ये संपत्तियां जम्मू और श्रीनगर के इलाक़े में हैं। इन संपत्तियों में दो रिहायशी और एक कॉर्मिशयल प्रॉपर्टी है और तीन प्लॉट हैं। इनकी नेट वेल्यू 11.86 करोड़ है जबकि बाज़ार में इनकी क़ीमत 60-70 करोड़ बताई गई है।
इस मामले में फ़ारूक़ अब्दुल्ला से अक्टूबर में पहले भी दो बार पूछताछ की जा चुकी है।
नेशनल कॉन्फ्रेन्स का पलटवार
नेशनल कॉन्फ्रेन्स ने अपने नेता के ख़िलाफ़ हुई इस कार्रवाई को लेकर पलटवार किया है। पार्टी ने कहा है कि ईडी की ओर से यह पत्र तब आया है जब नेशनल कॉन्फ्रेन्स ने कुछ अन्य दलों के साथ मिलकर गुपकार गठबंधन बनाने की घोषणा की। नेशनल कॉन्फ्रेन्स ने कहा है कि कश्मीर में बने गुपकार गठबंधन के बाद की गई यह कार्रवाई पूरी तरह राजनीतिक बदले की भावना से की गई है।
पार्टी ने कहा है कि केंद्र की बीजेपी सरकार इस गठबंधन से लड़ने के लिए अपनी एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है क्योंकि वह राजनीतिक रूप से हमसे नहीं लड़ पा रही है।
पार्टी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि जो भी बीजेपी की विचारधारा और इसकी बांटने वाली राजनीति का विरोध करेगा, उसे इसकी क़ीमत चुकानी पड़ेगी।
बता दें कि पीपल्स अलायंस फ़ॉर गुपकार डेक्लेरेशन राजनीतिक दलों का संगठन है जो जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त, 2019 से पहले की स्थिति की बहाली के लिए बनाया गया है। इसके प्रमुख फ़ारूक़ अब्दुल्ला हैं। इसमें पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेन्स, जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेन्स, आवामी नेशनल कॉन्फ्रेन्स और सीपीआईएम शामिल हैं। इस गठबंधन ने राज्य में डीडीसी के चुनाव में मिलकर ताल ठोकी है।
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बीजेपी ने बताया था गुपकार गैंग
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले महीने गुपकार गैंग पर हमला बोला था और कहा था कि कांग्रेस और गुपकार गैंग जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद और उथल-पुथल वाले दौर में वापस ले जाना चाहता है। शाह ने कहा था कि गुपकार गैंग ग्लोबल होता जा रहा है और ये लोग चाहते हैं कि विदेशी ताक़तें जम्मू-कश्मीर में दख़ल दें।
शाह ने कांग्रेस से पूछा था कि क्या वे गुपकार गैंग के क़दमों का समर्थन करते हैं, उन्हें भारत के लोगों के सामने इस मुद्दे पर अपना स्टैंड साफ करना चाहिए।
इस पर कांग्रेस ने कहा था कि वह इस गठबंधन में शामिल नहीं है। पार्टी ने पूछा था कि जिस पीडीपी की अमित शाह आलोचना कर रहे हैं, उसके साथ मिलकर उसने जम्मू-कश्मीर में सरकार क्यों बनाई थी।
शाह को पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी जवाब देते हुए कहा था, ‘अमित शाह जी, हम कोई गैंग नहीं हैं। हम एक क़ानूनी रूप से वैध राजनीतिक गठबंधन हैं और चुनाव लड़ना जारी रखेंगे।’ महबूबा और उमर ने अमित शाह से पूछा था कि चुनाव लड़ना कब से एंटी नेशनल हो गया है। महबूबा ने कहा था, ‘बीजेपी सत्ता की भूख के लिए मर्जी जितने गठबंधन बना सकती है लेकिन हमारे यूनाइटेड फ़्रंट बनाने से न जाने किस तरह राष्ट्रीय हित कमजोर हो रहे हैं।’
बता दें कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद फ़ारूक़ अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती को लंबे वक़्त तक राजनीतिक हिरासत में रखा गया था।
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