जहाँ कोरोना वायरस के संदेह में पीटने, अपनी ही माँ द्वारा घर में नहीं घुसने देने जैसे मामले आ रहे हों वहाँ यदि संक्रमित व्यक्ति की पहचान के लिए एक ठप्पा लगा दिया जाए तो क्या हालात होंगे? फ़र्ज़ करें कि हर संक्रमित व्यक्ति की कलाई में रिस्टबैंड यानी कलाई का पट्टा लगा दिया जाए तो? एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने कोरोना मरीज़ों को ट्रैक करने के लिए रिस्टबैंड जैसे उपकरणों के लिए टेंडर निकाला है। हालाँकि यह साफ़ नहीं है कि रिस्टबैंड केवल कोरोना पॉजिटिव लोगों के लिए होगा या अन्य के लिए भी। यदि यह कोरोना पॉजिटिव लोगों के लिए होगा, जैसी कि संभावना भी है, तो सवाल है कि ऐसे पॉजिटिव लोग तो आइसोलेशन में रहेंगे फिर इन्हें ट्रैक करने की ज़रूरत कहाँ? यदि ऐसा रिस्टबैंड पहनकर व्यक्ति बाहर जाएगा तो लोग उसके साथ क्या करेंगे?