किसी भी संघर्ष में शायरी तब याद आती है, जब आप अपनी हताशा को नहीं छोड़ना चाहते। पहलवान विनेश फोगाट ने आज अपने दिन की शुरुआत ऐसी ही एक गजल की कुछ लाइनों से की है। पहले आप विनेश द्वारा ट्वीट की गई गजल की लाइनों को पढ़ें और आगे की बात बाद में।
दरिया अब तेरी ख़ैर नहीं,/बूँदो ने बग़ावत कर ली है।नादां ना समझ रे बुज़दिल,/ लहरों ने बग़ावत कर ली है।हम परवाने हैं मौत समाँ,/मरने का किसको ख़ौफ़ यहाँ।रे तलवार तुझे झुकना होगा,/गर्दन ने बग़ावत कर ली है॥
महिला पहलवानों के लिए कल का दिन काफी हताशा और निराशा का रहा था। जब उन्होंने नए संसद भवन की ओर महिला महापंचायत आयोजित करने के लिए कदम बढ़ाए तो उन्हें दिल्ली पुलिस ने रोक लिया। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि महिला पहलवानों और उनके समर्थकों ने पुलिस के गलत बर्ताव किया। हालांकि इस संबंध में जो फोटो और वीडियो आए हैं, वो अपने आप में सबूत हैं। जंतर मंतर पर इस घटनाक्रम को कवर कर रहे किसी भी फोटो जर्नलिस्ट, यूट्यूबर के पास ऐसा कोई फोटो या वीडियो नहीं है, जिसमें पहलवान हिंसक हुए हों। लेकिन दिल्ली पुलिस ने बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
पहलवान साक्षी मलिक ने पुलिस के आरोपों को फर्जी बताते हुए आज सोमवार को न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि हम तो शांतिपूर्वक आगे बढ़ रहे थे लेकिन उन्होंने हमें धक्का देकर पीछे धकेल दिया। साक्षी मलिक का वीडियो इंटरव्यू नीचे देखिए-
हालांकि दिल्ली पुलिस ने कहा कि जंतर मंतर पर हलचल अब समाप्त हो गई है। लेकिन पहलवानों ने कहा कि वे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपना आंदोलन फिर से शुरू करेंगे।
विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) दीपेंद्र पाठक ने मीडियाकर्मियों से कहा, 'पहलवानों ने जो किया वह बेहद गैर जिम्मेदाराना था। हम उन्हें अब धरना प्रदर्शन नहीं करने देंगे। हमने उनसे (विरोध स्थल से) नहीं हटने को कहा था लेकिन उन्होंने नहीं सुना। 8-9 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए। उन्होंने कानून तोड़ा और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे। हमने क्षेत्र को साफ कर दिया है… ।” दीपेंद्र पाठक ने यह नहीं बताया कि देश के लिए मेडल लाने वाली महिला पहलवान किस तरह की राष्ट्र विरोधी गतिविधि में शामिल थे, वो भी ऐसी जगह जहां मीडिया हर समय मौजूद रहता था।
बहरहाल, पहलवान साक्षी मलिक ने कल ट्वीट किया कि विरोध खत्म नहीं हुआ है। पुलिस हिरासत से रिहा होने के बाद, हम जंतर-मंतर पर फिर से अपना सत्याग्रह शुरू करेंगे। अब महिला पहलवानों का सत्याग्रह होगा...तानाशाही नहीं बल्कि महिला पहलवानों का सत्याग्रह चलेगा।
साक्षी मलिक का यह ट्वीट देखिए, जो अपने आप में इन महिला पहलवानों के हौसले बताने के लिए काफी है।
पहलवान बजरंग पुनिया ने रविवार आधी रात के बाद मीडिया से की गई बातचीत में दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर सवाल उठाया। सांसद बृजभूषण सिंह का जिक्र करते हुए बजरंग पुनिया ने मीडियाकर्मियों से कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यौन उत्पीड़न के आरोपी व्यक्ति ने नए संसद भवन के उद्घाटन में शिरकत की। बजरंग ने एएनआई से कहा, "दिल्ली पुलिस को हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में केवल कुछ घंटे लगे, लेकिन बृजभूषण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में उन्हें 7 दिन लगे।"
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि कुछ पहलवान विरोध करने के लिए रात में जंतर-मंतर आए थे, उन्हें अनुमति नहीं दी गई और वापस भेज दिया गया। एफआईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए विनेश फोगट ने कहा कि एक नया इतिहास लिखा जा रहा है। दिल्ली पुलिस यौन उत्पीड़न के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में सात दिन लेती है लेकिन शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के लिए हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में सात घंटे भी नहीं लेती है। क्या देश तानाशाही में नहीं चला गया है? पूरी दुनिया देख रही है कि सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ कैसा व्यवहार कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने इसे 'शांतिपूर्ण' मार्च बताते हुए कहा था कि सड़कों पर उतरना और विरोध करना उनका अधिकार है।
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