loader

गोडसे पर गर्व करने वाली क्यों बनी डीन; गांधी का सम्मान एक ढोंग- कांग्रेस

जो गांधी के हत्यारे गोडसे पर गर्व करता हो और गिरफ़्तार तक हुआ हो, क्या उसको डीन बनाया जा सकता है? एनआईटी-कालीकट की प्रोफ़ेसर डॉ. शैजा ए को डीन बनाए जाने के बाद बवाल मच गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि एक तरफ़ नरेंद्र मोदी और बीजेपी के लोग बापू के सम्मान का ढोंग करते हैं और दूसरी तरफ उनका अपमान करने वालों को सिर पर बिठाकर रखते हैं।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गुरुवार को इस मामले में मोदी सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा, 'कलकत्ता हाईकोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे में से एक का चुनाव नहीं कर पाए। वे अब बीजेपी के सांसद हैं। केरल में एक प्रोफ़ेसर जो सार्वजनिक रूप से कहती हैं कि उसे भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है, उसे मोदी सरकार ने एनआईटी-कालीकट में डीन बना दिया है। यह सब मोदी की मानसिकता का हिस्सा है - गांधी का इस्तेमाल करो, गोडसे का महिमामंडन करो।'

why was a godse supporter shaija made nit dean congress attacks bjp on gandhi respect - Satya Hindi

उनकी प्रतिक्रिया तब आई है जब राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कालीकट यानी एनआईटी के निदेशक द्वारा जारी आदेश में डॉ. शैजा ए को 7 मार्च से योजना एवं विकास विभाग का डीन नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति शुरू में अगले आदेश तक दो साल के लिए है।

लेकिन उनकी यह नियुक्ति विवादों में घिर गई। उनके पहले के कारनामों को लेकर सवाल उठने लगे। दरअसल, महात्मा गांधी के शहीद दिवस पर नाथूराम गोडसे की कथित रूप से प्रशंसा करने के आरोप में उनके ख़िलाफ़ पुलिस केस लंबित है। 

ताज़ा ख़बरें

शैजा को पिछले साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया था और जमानत पर रिहा कर दिया गया था। उनके ख़िलाफ़ डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया, स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया और युवा कांग्रेस जैसे संगठनों ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि सोशल मीडिया पर एक दक्षिणपंथी वकील द्वारा साझा की गई पोस्ट के जवाब में शैजा ने गोडसे की तारीफ करते हुए एक पोस्ट की थी। अपनी टिप्पणी में शैजा ने महात्मा गांधी की हत्या करने और इस तरह ‘भारत को बचाने’ को लेकर गोडसे पर कथित तौर पर ‘गर्व’ व्यक्त किया था।

इन संगठनों की शिकायत के बाद कुन्नमंगलम पुलिस ने पुलिस ने शैजा के ख़िलाफ़ दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाऊ बयान देने का केस दर्ज किया था। शैजा से चथमंगलम स्थित उनके आवास पर पूछताछ की थी। कुन्नमंगलम की अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत दी थी।

अब राजनीतिक दलों ने डीन के रूप में शैजा की नियुक्ति का कड़ा विरोध किया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की युवा शाखा डीवाईएफ़आई ने एनआईटी तक मार्च करने की घोषणा की है।

कांग्रेस ने कहा है कि "एनआईटी कालीकट की प्रोफेसर डॉ. शैजा अंदावन ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तारीफ़ की थी। कहा था- 'भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है'। अब उनकी इस देशविरोधी मानसिकता और शर्मनाक बयान से खुश होकर मोदी सरकार ने उन्हें इनाम दिया है।"

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि एक तरफ़ नरेंद्र मोदी और बीजेपी के लोग बापू के सम्मान का ढोंग करते हैं और दूसरी तरफ़ उनका अपमान करने वालों को सिर पर बिठाकर रखते हैं। पार्टी ने कहा है कि ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले जब पूर्व जज और बीजेपी सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय से गांधी और गोडसे में किसी एक को चुनने को कहा गया तो वे सवाल का जवाब नहीं दे पाए।

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ये बीजेपी-आरएसएस की नफरती विचारधारा और उनके मन में बापू के ख़िलाफ़ दशकों से पनप रही कुंठा का सबूत है। इसने कहा है कि इतिहास गवाह है कि ये लोग बापू के सत्य, अहिंसा और सद्भाव से डरते आए हैं और उसे हर कीमत पर मिटाना चाहते हैं। कांग्रेस ने कहा है, "लेकिन.. बीजेपी-आरएसएस ये याद रखे- 'गांधी' एक सोच है। अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने और देश के लिए मर मिटने की सोच। इस सोच ने करोड़ों देशवासियों को सम्मान और स्वाभिमान से जीना सिखाया है। ये सोच हमारी रग-रग में है। बीजेपी-आरएसएस लाख कोशिश कर लें.. लेकिन अपनी घिनौनी और ओछी हरकतों से वे इस सोच को कभी नहीं मिटा पाएंगे।"

देश से और ख़बरें

साध्वी प्रज्ञा भी रही थीं विवादों में

नाथुराम गोडसे पर बयानों को लेकर बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पहले विवादों में रही हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान प्रज्ञा ने आपत्तिजनक बयान दे दिया था। तब साध्वी प्रज्ञा ने कहा था, ‘नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। जो लोग उन्हें आतंकवादी कह रहे हैं, उन्हें अपने गिरेबान में झाँकना चाहिए।' इस बयान पर जब पार्टी की काफी ज़्यादा फजीहत हुई तो पार्टी को बयान जारी करना पड़ा था। प्रज्ञा को मांफी मांगनी पड़ी थी। खुद प्रधानमंत्री ने कड़ी टिप्पणी की थी। 

पीएम नरेंद्र मोदी ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में प्रज्ञा के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा था, 'गांधी और गोडसे को लेकर बयान हर प्रकार घृणा के लायक है, आलोचना के लायक है, सभ्य समाज में ऐसी बातें नहीं कही जा सकती हैं। ऐसा कहने वालों को आगे से 100 बार सोचना पड़ेगा।' उन्होंने आगे कहा था,

प्रज्ञा ने भले ही माफी मांग ली हो, लेकिन मैं दिल से कभी उन्हें माफ नहीं कर पाऊंगा।


नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

हालाँकि इस पूरे मामले के बाद भी प्रज्ञा ठाकुर ने नवंबर 2019 को संसद में फिर से गोडसे को देशभक्त बता दिया था। तब एसपीजी बिल पर चर्चा के दौरान डीएमके सांसद ए. राजा ने नाथूराम गोडसे के बयान का हवाला देते हुए कहा था कि गोडसे ने महात्मा गाँधी की हत्या क्यों की, तभी प्रज्ञा ठाकुर ने उन्हें रोका और कहा था कि आप एक देशभक्त का उदाहरण नहीं दे सकते। 

(इस रिपोर्ट का संपादन अमित कुमार सिंह ने किया है।)
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें