भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के यौन शोषण की कहानियां बड़ी मुश्किल से निकल कर सामने आई हैं। इंडियन एक्सप्रेस से फिजियोथेरेपिस्ट परमजीत मलिक ने कई कहानियों को साझा किया है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक भाजपा सांसद के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की पुष्टि करते हुए 2014 में लखनऊ नेशनल कैंप में मौजूद रहे एक फिजियोथेरेपिस्ट ने कहा है कि कैंप में कम से कम तीन जूनियर महिला पहलवानों ने बताया उन्हें कैसे "दबाव" का सामना करना पड़ा और "रात में बृज भूषण से मिलने के लिए कहा गया।"
जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, फिजियोथेरेपिस्ट, परमजीत मलिक ने कहा कि लड़कियां अपने सीनियर खिलाड़ियों को इस यौन शोषण के बारे में बताते हुए बहुत रोई थीं।
परमजीत ने कहा कि उन्होंने तत्कालीन महिला कोच कुलदीप मलिक को इन सारी बातों की जानकारी दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इंडियन एक्सप्रेस ने ब्रजभूषण और कुलदीप मलिक का पक्ष जानने के लिए उनसे बात करने की काफी कोशिश की, लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो सके। हालांकि भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह ने लगातार ऐसे आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि उनके खिलाफ एक साजिश का हिस्सा हैं।
बहरहाल, परमजीत ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि फरवरी 2023 में, वो ब्रजभूषण के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए खेल मंत्रालय द्वारा गठित निगरानी समिति के सामने दो बार पेश हुए थे। पहली बार व्यक्तिगत रूप से, और दूसरी बार एक वीडियो कॉल में। उन्होंने कहा कि उन्होंने 2014 की घटना की जानकारी जांच समिति को भी दी थी। बता दें कि खेल मंत्रालय ने सोमवार को जांच समिति के जिन "प्रमुख निष्कर्षों" को साझा किया, वो ब्रजभूषण के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों पर चुप है और सिर्फ कुश्ती महासंघ के अंदर की खामियों का उल्लेख है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक 2014 के नेशनल कैंप को याद करते हुए, परमजीत ने दावा किया कि उन्होंने पहली बार "तीन से चार" कैडेट पहलवानों को लखनऊ में भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) केंद्र में शिविर से बाहर जाते देखा था। ये लड़कियां रात 10 बजे के बाद जा रही थीं। मैंने देखा कि जो लोग उन्हें वाहनों में लेने आए थे, वे ब्रजभूषण से जुड़े लोग थे, जिनमें उनका ड्राइवर भी शामिल था। बाद में लड़कियों ने पुष्टि की कि उनके साथ क्या हो रहा है।
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परमजीत को लड़कियों ने बताया कि उन्हें दबाव का सामना करना पड़ा, और उन्हें रात में भाजपा सांसद से मिलने के लिए कहा गया। उस समय कम से कम तीन लड़कियां थीं जिन्होंने सीनियर पहलवानों से इसके बारे में बात की थी। मैं इन कैडेट पहलवानों को रोते हुए अपनी आपबीती सुनाते हुए देख रहा था।
परमजीत मलिक ने बताया कि मैं 2014 में गीता फोगाट (विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता) का निजी फिजियो था। महिला कैडेट पहलवान टूट गईं और लखनऊ में नेशनल कैंप के दौरान ब्रजभूषण के कथित यौन उत्पीड़न के बारे में मुझे और मेरी पत्नी सुमन कुंडू सहित वरिष्ठ पहलवानों को बताया।
उन्होंने दावा किया कि शिकायत करने के बाद मुझे कैंप से जाने के लिए कहा गया। जो लोग आज पूछते हैं कि लड़कियां अब क्यों बोल रही हैं। वो समझें कि लड़कियां इस बात से डरी हुई थीं कि उनका नाम नेशनल कैंप सूची से हटा दिया जाएगा, और उन्हें डर था कि चयन परीक्षण निष्पक्ष नहीं होगा।
इंडियन एक्सप्रेस से परमजीत मलिक ने कहा कि मैंने 2014 के लखनऊ नेशनल कैंप में क्या हुआ था, इसके बारे में जांच समिति को बताया तो समिति के सदस्यों में से एक योगेश्वर दत्त ने मुझे बार-बार टोका और सबूत मांगा। हालांकि, मुक्केबाज मैरी कॉम (निगरानी समिति की प्रभारी) के आने के बाद, मुझे विवरण बताने की अनुमति दी गई थी।
परमजीत के आरोपों की पुष्टि करते हुए, महिला पहलवानों में से एक, जो 2014 के शिविर में भी थी, ने कहा कि इन आरोपों की भी जांच होनी चाहिए।
पिछले हफ्ते, एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने बाहुबली भाजपा सांसद ब्रज भूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी का आरोप लगाते हुए अलग-अलग पुलिस शिकायतें दी हैं। 21 अप्रैल को दर्ज की गई अपनी पुलिस शिकायतों में, पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के कई उदाहरणों का हवाला दिया है, जो 2012 तक और हाल ही में 2022 तक के हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि कम से कम चार मौकों पर यौन उत्पीड़न ब्रजभूषण के नई दिल्ली वाले घर अशोक रोड पर हुआ। भाजपा सांसद को मिले इस एमपी बंगले में WFI कार्यालय भी है। जसबीर मलिक ने आरोप लगाया कि उत्पीड़न की घटनाएं भारत के बाहर एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के साथ-साथ घरेलू प्रतियोगिताओं के दौरान भी हुईं।
बता दें कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने सहित कार्रवाई की मांग करते हुए ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगट सहित कई बड़े पहलवान रविवार से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं।
दिल्ली पुलिस ने जब एफआईआर दर्ज नहीं की तो प्रदर्शनकारी पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एफआईआर दर्ज करने से पहले मामले में जांच की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि पहलवानों ने पहली बार जनवरी में जंतर-मंतर पर धरना दिया था, तब सरकार ने आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति बनाई थी, उसके बाद महिला पहलवानों ने अपना धरना एक दिन में ही बंद कर दिया था।
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