loader

वोटर आईडी कार्ड को आधार से जोड़ने पर विचार कर रहा केंद्र: प्रसाद

केंद्र सरकार वोटर आईडी कार्ड को आधार से जोड़ने पर विचार कर रही है। केंद्रीय क़ानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरूवार को लोकसभा में यह बात कही। प्रसाद ने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि चुनाव आयोग की ओर से आधार को मतदाता सूची के साथ जोड़ने का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा गया है। प्रसाद ने कहा कि इसके लिए निर्वाचन के नियमों में संशोधन की ज़रूरत होगी। 

प्रसाद से सवाल पूछा गया कि सरकार के पास आधार और वोटर आईडी कार्ड को जोड़ने के बाद इस डाटा को सुरक्षित रखने या इसके दुरुपयोग से बचाने के लिए क्या योजना है। 

ताज़ा ख़बरें

इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मतदाता सूची का जो डाटाबेस सिस्टम है, वह आधार के लिए बने हुए सिस्टम में किसी भी तरह से प्रवेश नहीं करता है और यह डाटाबेस सिस्टम केवल पहचान को प्रमाणित करने के काम आता है जिससे इन दोनों सिस्टम्स के बीच अंतर बना रहे। 

उन्होंने कहा कि इस तरह के क़दम मतदाता सूची में किसी तरह की चोरी और इसे हाईजैक होने से रोकते हैं। प्रसाद ने बताया कि चुनाव आयोग ने कहा है कि उसने निर्वाचन संबंधी डाटा की सुरक्षा के लिए कई क़दम उठाए हैं। 

Voter ID card linking with Aadhaar - Satya Hindi

चुनाव आयोग इस बात के लिए सरकार से कई बार अनुरोध कर चुका है कि वह लोक अधिनियम का प्रतिनिधित्व क़ानून में संशोधन करे। 

चुनाव आयोग ने अगस्त, 2019 में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था और इसमें कहा था कि वह निर्वाचन नियमों में संशोधन करे जिससे मतदाताओं का पंजीकरण करने वाले अफ़सर मतदाता सूची में शामिल मतदाताओं और इसमें आने वाले नए मतदाताओं के आधार नंबर के बारे में जान सकें। 

देश से और ख़बरें

इस मामले में पूछे गए कुछ और सवालों के जवाब में प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से अभी तक आधार को वोटर आईडी कार्ड से जोड़े जाने को लेकर कोई निर्देश नहीं मिले हैं। अगस्त, 2015 में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद चुनाव आयोग के आधार को मतदाता सूची से जोड़ने का काम रुक गया था। 

इससे पहले यह ख़बर आई थी कि केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग की आधार से वोटर आईडी कार्ड को जोड़े जाने की मांग को लेकर सकारात्मक जवाब दिया है। लेकिन अब सरकार ने संसद में कहा है कि वह इस पर विचार कर रही है तो इस दिशा में बात आगे बढ़ सकती है। 

वोटर आईडी कार्ड को आधार से जोड़े जाने के बाद किसी भी शख़्स को अपने पहचान पत्रों को अलग-अलग जगहों पर एनरॉल (दर्ज) कराने से छुट्टी मिल जाएगी। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें