उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से बीजेपी द्वारा टिकट काटे जाने के बाद सांसद वरुण गांधी ने एक भावुक खुला ख़त लिखा है। उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के साथ अपना भावनात्मक जुड़ाव बताया और कहा कि वह बचपन से ही पीलीभीत से जुड़ गए थे।
वरुण ने कहा, 'मैं आम आदमी की आवाज़ उठाने के लिए राजनीति में आया हूँ और आज मैं आपका आशीर्वाद चाहता हूं कि मैं हमेशा यह काम करता रहूँ, चाहे इसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़े। मेरा और पीलीभीत का रिश्ता प्यार और विश्वास का है, जो किसी भी रिश्ते और राजनीतिक जोड़-घटाव से कहीं ऊपर है।'
प्रणाम पीलीभीत 🙏 pic.twitter.com/D6T3uDUU6o
— Varun Gandhi (@varungandhi80) March 28, 2024
उन्होंने कहा कि उनका पीलीभीत से रिश्ता राजनीति से परे है। उन्होंने खुद को 'पीलीभीत का बेटा' बताते हुए कहा कि मेरा दरवाजा हमेशा खुला है।
पत्र में वरुण ने आगे लिखा है, 'आपका प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है और मैंने हमेशा अपनी क्षमता के अनुसार आपके हितों की वकालत की है। भले ही एक सांसद के रूप में मेरा कार्यकाल समाप्त हो रहा है, लेकिन पीलीभीत के साथ मेरा रिश्ता ख़त्म नहीं हो सकता है। अपनी आखिरी सांस तक, अगर एक सांसद के रूप में नहीं, तो एक बेटे के रूप में मैं जीवन भर आपकी सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं और मेरे दरवाजे पहले की तरह आपके लिए हमेशा खुले रहेंगे।'
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मैं राजनीति में आम आदमी की आवाज़ उठाने आया था और आज आपसे यही आशीर्वाद मांगता हूँ कि सदैव करता रहूँ, भले ही उसकी कोई क़ीमत चुकानी पड़े।
वरुण गांधी, सांसद
बता दें कि 22 मार्च को उम्मीदवारों की पांचवीं सूची में भाजपा ने वरुण गांधी के बजाय उत्तर प्रदेश के मंत्री जितिन प्रसाद को पीलीभीत से मैदान में उतारने का फ़ैसला किया। वरुण गांधी ने पहले कहा था कि इस फैसले से उन्हें ठगा महसूस हुआ।
इस बीच, कांग्रेस की ओर उन्हें एक प्रस्ताव दिया गया। वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी में शामिल होने के लिए वरुण गांधी का बहुत स्वागत है।
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