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पीलीभीत से टिकट नहीं मिलने पर वरुण बोले- 'सांसद रूप में नहीं, तो बेटे रूप में'

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से बीजेपी द्वारा टिकट काटे जाने के बाद सांसद वरुण गांधी ने एक भावुक खुला ख़त लिखा है। उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के साथ अपना भावनात्मक जुड़ाव बताया और कहा कि वह बचपन से ही पीलीभीत से जुड़ गए थे। 

वरुण ने कहा, 'मैं आम आदमी की आवाज़ उठाने के लिए राजनीति में आया हूँ और आज मैं आपका आशीर्वाद चाहता हूं कि मैं हमेशा यह काम करता रहूँ, चाहे इसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़े। मेरा और पीलीभीत का रिश्ता प्यार और विश्वास का है, जो किसी भी रिश्ते और राजनीतिक जोड़-घटाव से कहीं ऊपर है।'

उन्होंने कहा कि उनका पीलीभीत से रिश्ता राजनीति से परे है। उन्होंने खुद को 'पीलीभीत का बेटा' बताते हुए कहा कि मेरा दरवाजा हमेशा खुला है।

पिछले कुछ सालों से बीजेपी की नीतियों की कड़ी आलोचना करते रहने वाले बीजेपी सांसद वरुण ने कहा, 'आज जब मैं यह पत्र लिख रहा हूं तो अनगिनत यादों ने मुझे भावुक कर दिया है। मुझे वह 3 साल का छोटा बच्चा याद है जो 1983 में अपनी मां की उंगली पकड़कर पहली बार पीलीभीत आया था, उसे क्या पता था कि एक दिन ऐसा होगा कि यही भूमि उसका कार्यस्थली बन जाएगी और यहां के लोग उनका परिवार बन जाएंगे।'

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पत्र में वरुण ने आगे लिखा है, 'आपका प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है और मैंने हमेशा अपनी क्षमता के अनुसार आपके हितों की वकालत की है। भले ही एक सांसद के रूप में मेरा कार्यकाल समाप्त हो रहा है, लेकिन पीलीभीत के साथ मेरा रिश्ता ख़त्म नहीं हो सकता है। अपनी आखिरी सांस तक, अगर एक सांसद के रूप में नहीं, तो एक बेटे के रूप में मैं जीवन भर आपकी सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं और मेरे दरवाजे पहले की तरह आपके लिए हमेशा खुले रहेंगे।'

मैं राजनीति में आम आदमी की आवाज़ उठाने आया था और आज आपसे यही आशीर्वाद मांगता हूँ कि सदैव करता रहूँ, भले ही उसकी कोई क़ीमत चुकानी पड़े।


वरुण गांधी, सांसद

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बता दें कि 22 मार्च को उम्मीदवारों की पांचवीं सूची में भाजपा ने वरुण गांधी के बजाय उत्तर प्रदेश के मंत्री जितिन प्रसाद को पीलीभीत से मैदान में उतारने का फ़ैसला किया। वरुण गांधी ने पहले कहा था कि इस फैसले से उन्हें ठगा महसूस हुआ।

इस बीच, कांग्रेस की ओर उन्हें एक प्रस्ताव दिया गया। वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी में शामिल होने के लिए वरुण गांधी का बहुत स्वागत है।

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क़मर वहीद नक़वी
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