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फाइल फोटोफोटो साभार: एक्स/@iGorilla19

यूएस सैन्य विमान से ही 119 अप्रवासी अमृतसर आए; सम्मान का क्या?

अमेरिका से वापस भेजे जा रहे अवैध भारतीय अप्रवासियों को लेकर मचे घमासान के बीच एक और अमेरिकी सैन्य विमान शनिवार देर रात पंजाब के अमृतसर में उतरा। यह डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा निर्वासित भारतीयों का दूसरा ऐसा जत्था है। पहली खेप में 104 ऐसे भारतीयों को भेजे जाने पर तब तूफ़ान खड़ा हो गया था जब उन्हें अमेरिकी सैन्य विमान में हथकड़ियों और बेड़ियों में अमानवीय तरीक़े से भेजा गया। अब दूसरी खेप के आने से पहले पंजाब में ही विमान उतारे जाने को लेकर पंजाब ने कई बड़े आरोप लगाए हैं और इससे विवाद हो गया है। रिपोर्ट है कि ऐसी तीसरी खेप रविवार को ही आने वाली है।

विवाद के बीच ही शनिवार को 119 अवैध अप्रवासियों को लेकर सी17 ग्लोबमास्टर III रात 11.40 बजे अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा। 119 में 67 पंजाब से और 33 हरियाणा से हैं। आठ गुजरात से, तीन उत्तर प्रदेश से, दो-दो गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से और एक-एक हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर से हैं।

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दूसरी खेप केंद्र सरकार द्वारा यह घोषणा करने के कुछ दिन बाद आई है जिसमें कहा गया था कि अमेरिका में अधिकारियों ने 487 अन्य अवैध भारतीय प्रवासियों की पहचान की है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा था कि अमेरिका ने नई दिल्ली को 487 संभावित भारतीय नागरिकों के बारे में बताया गया है, जिन्हें निष्कासन आदेश जारी किए गए हैं।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने हफ़्ते भर पहले कहा था कि हम अमेरिकी अधिकारियों से कहते रहे हैं कि निर्वासित लोगों के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए। उनका यह बयान तब आया था जब अमेरिकी सैन्य विमान में भारतीयों के भेजे जाने के तौर-तरीक़ों को लेकर पूरे देश में ग़ुस्सा था। 

पहली खेप में अमेरिका का सैन्य विमान 5 फ़रवरी को 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचा था। इसके साथ ही हाथों में हथकड़ी और पैरों में जंजीरों के साथ कुछ लोगों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। बाद में अमेरिका के एक अधिकारी ने इसका एक वीडियो ही पोस्ट कर दिया। 
हथकड़ियों और बेड़ियों के साथ ही अमेरिकी सैन्य विमान में भारतीयों के भेजे जाने पर आपत्ति जताई गई। सवाल उठाया गया कि अपने विमान में भारतीयों की सम्मानजनक वापसी क्यों नहीं हो सकती?

ख़ासकर यह सवाल इसलिए उठा क्योंकि कोलंबिया ने उसके देश के अवैध अप्रवासियों को लेकर भेजे गए अमेरिकी सैन्य विमान को उतरने नहीं दिया था। कोलंबिया ने अमेरिका के सैन्य विमान को वापस लौटा दिया था। इस पर डोनाल्ड ट्रंप ने कोलंबिया पर टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। इसके बाद भी कोलंबिया झुका नहीं।

अमेरिका से जंजीरों में बांधकर अमानवीय तरीक़े से अप्रवासियों को भेजे जाने की तस्वीरे सामने आने और इस मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप के साथ तनातनी के बाद कोलंबिया ने ये फ़ैसला लिया। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने अमेरिका से अप्रवासियों को लेकर आई उड़ानों को कोलंबिया में उतरने से रोक दिया था। 

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कोलंबिया सरकार ने कहा था कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि उसके नागरिकों को बेइजज्त करके अमेरिका से ना निकाला जाए। इस संबंध में कोलंबिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने अपने बयान में 'सम्मानजनक वापसी' शब्द पर विशेष जोर दिया था। पेट्रो ने अमेरिका से प्रवासियों को वापस लाने के लिए अपने विशेष विमान भेजने का फैसला किया।

बहरहाल, पहली खेप में डिपोर्ट होकर भारत आए लोगों ने अपनी व्यथा सुनाई और कहा कि उन्हें बेड़ियों व हथकड़ियों में बांध कर सैन्य विमान से लाया गया। उनको 40 घंटे तक बाथरूम जाने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ी। इस मामले ने पूरे देश में तूफ़ान खड़ा कर दिया। अमानवीय स्थिति के लिए विपक्ष ने मोदी सरकार की आलोचना की। संसद के दोनों सदनों में भी यह मुद्दा उठा और संसद की कार्यवाही बाधित हुई थी।

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इसी बीच जब दूसरी खेप अमृतसर में उतरने की ख़बर आई तो इस पर नए सिरे से विवाद हो गया। सवाल उठे कि अवैध प्रवासियों वाली यूएस डिपोर्टेशन फ्लाइट पंजाब में ही क्यों उतारी जा रही है? क्या पंजाब को बदनाम करने की साज़िश है? आख़िर ये फ़्लाइटें गुजरात या हरियाणा जैसे राज्यों में क्यों नहीं उतर रही हैं? भगवंत मान ने ये सवाल उठाते हुए मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भगवंत मान ने इसको लेकर शुक्रवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।

भगवंत मान ने कहा, 'बीजेपी द्वारा पंजाब को लगातार बदनाम करने की कोशिश ज़ारी है। ये कह रहे हैं कि अवैध अप्रवासियों में से 67 पंजाब के हैं इसलिए विमान अमृतसर में उतरेगा। अगर ऐसा है तो पिछली बार 33 गुजरात के थे तब विमान अहमदाबाद में क्यों नहीं उतरा? भाजपा हमेशा पंजाबियों और पंजाब को बदनाम करने की कोशिश करती है।' 

पंजाब के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, '

जब हम केंद्र से सीधी उड़ानें अमृतसर से कनाडा या अमेरिका के लिए शुरू करने की मांग करते हैं, तो हमें अनदेखा कर दिया जाता है, लेकिन पंजाब की सुरक्षा को दांव पर लगाकर अमेरिका का फौजी जहाज़ यहां उतारा जा रहा है।


भगवंत मान, पंजाब सीएम

मान ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को उनके अच्छे दोस्त डोनाल्ड ट्रंप ने यह गिफ्ट देकर भेजा? प्रधानमंत्री जी ने ट्रंप से मुलाक़ात के दौरान हमारे नागरिकों के मान-सम्मान की बात क्यों नहीं की?'

उन्होंने कहा, 'हमने एमईए से बात की है कि जहाज़ का रूट बदलकर कहीं और उतारें, हम अपने नागरिकों को पूरी इज्जत के साथ लेकर आएंगे, क्योंकि अमेरिका ने अपने क़ानून के तहत डिपोर्ट किया है लेकिन अपने नागरिकों को मान-सम्मान देना हमारा कर्तव्य है।' 

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हालाँकि, पंजाब सीएम भगवंत मान की आपत्तियों के बावजूद दूसरी खेप वाला विमान भी पंजाब के अमृतसर में ही उतरा। अब रिपोर्ट है कि 157 निर्वासितों का तीसरा जत्था रविवार रात अमृतसर पहुंचने की संभावना है। अभी यह साफ़ नहीं है कि रविवार को निर्वासित लोगों को भी सैन्य विमान से भेजा जाएगा या नहीं।

कहा जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दिए गए कई बयानों के अनुरूप भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए और भी उड़ानें होंगी। गुरुवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत अवैध रूप से अमेरिका में रहने वाले किसी भी सत्यापित भारतीय को वापस लेने के लिए पूरी तरह तैयार है।

मोदी ने कहा था, 'हमारा मानना ​​है कि जो कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे देश में अवैध रूप से प्रवेश करता है और रहता है, उसे उस देश में रहने का कोई कानूनी अधिकार या प्राधिकार नहीं है... जहां तक ​​भारत और अमेरिका का सवाल है, हमने हमेशा कहा है कि जो लोग सत्यापित हैं और वास्तव में भारत के नागरिक हैं - अगर वे अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं, तो भारत उन्हें वापस लेने के लिए तैयार है।'

(इस रिपोर्ट का संपादन अमित कुमार सिंह ने किया है।)
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क़मर वहीद नक़वी
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