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'यूएस डिपोर्टेशन फ्लाइट पंजाब में ही क्यों उतर रही, गुजरात में क्यों नहीं?'

अवैध प्रवासियों वाली यूएस डिपोर्टेशन फ्लाइट पंजाब में ही क्यों उतारी जा रही है? क्या पंजाब को बदनाम करने की साज़िश है? आख़िर ये फ़्लाइटें गुजरात या हरियाणा जैसे राज्यों में क्यों नहीं उतर रही हैं? भगवंत मान ने ये सवाल उठाते हुए मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पंजाब कांग्रेस ने भी इसको लेकर सवाल उठाए हैं। इसके साथ ही अवैध प्रवासियों की फ्लाइट पर नये सिरे से विवाद खड़ा हो गया है। 5 फ़रवरी को पहली फ्लाइट के आने पर भी काफ़ी विवाद हुआ जब भारतीय लोगों को अमेरिकी सेना के विमान में हथकड़ियाँ  और बेड़ियाँ लगाकर लाया गया।

ताज़ा विवाद तब उठा जब यह ख़बर आई कि अमेरिका से निर्वासित भारतीय नागरिकों को लेकर आने वाली उड़ानें अमृतसर में उतरेंगी। रिपोर्ट है कि 15 और 16 फ़रवरी को दो और उड़ानें आने वाली हैं। कहा जा रहा है कि इन दोनों उड़ानों को अमृतसर में उतारे जाने की योजना है। विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार पर जानबूझकर अमृतसर को लैंडिंग पॉइंट के रूप में चुनने का आरोप लगाया है। इस मुद्दे पर तनाव और बढ़ गया है। भगवंत मान ने इसको लेकर शुक्रवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

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भगवंत मान ने कहा, 'बीजेपी द्वारा पंजाब को लगातार बदनाम करने की कोशिश ज़ारी है। ये कह रहे हैं कि अवैध अप्रवासियों में से 67 पंजाब के हैं इसलिए विमान अमृतसर में उतरेगा। अगर ऐसा है तो पिछली बार 33 गुजरात के थे तब विमान अहमदाबाद में क्यों नहीं उतरा? भाजपा हमेशा पंजाबियों और पंजाब को बदनाम करने की कोशिश करती है।' 

पंजाब के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, 'जब हम केंद्र से सीधी उड़ानें अमृतसर से कनाडा या अमेरिका के लिए शुरू करने की मांग करते हैं, तो हमें अनदेखा कर दिया जाता है, लेकिन पंजाब की सुरक्षा को दांव पर लगाकर अमेरिका का फौजी जहाज़ यहां उतारा जा रहा है।' मान ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को उनके अच्छे दोस्त डोनाल्ड ट्रंप ने यह गिफ्ट देकर भेजा? प्रधानमंत्री जी ने ट्रंप से मुलाक़ात के दौरान हमारे नागरिकों के मान-सम्मान की बात क्यों नहीं की?'

उन्होंने कहा, 'हमने एमईए से बात की है कि जहाज़ का रूट बदलकर कहीं और उतारें, हम अपने नागरिकों को पूरी इज्जत के साथ लेकर आएंगे, क्योंकि अमेरिका ने अपने क़ानून के तहत डिपोर्ट किया है लेकिन अपने नागरिकों को मान-सम्मान देना हमारा कर्तव्य है।'

पंजाब के अमृतसर में विमान के उतरने का मुद्दा तब सामने आया है जब अमेरिका से 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को वापस भेजने का मुद्दा अभी भी गरम है। पहली खेप में अमेरिका का सैन्य विमान 5 फ़रवरी को 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचा था। इसके साथ ही हाथों में हथकड़ी और पैरों में जंजीरों के साथ कुछ लोगों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। बाद में अमेरिका के एक अधिकारी ने इसका एक वीडियो ही पोस्ट कर दिया। 

डिपोर्ट होकर आए लोगों ने अपनी व्यथा सुनाई और कहा कि उन्हें बेड़ियों व हथकड़ियों में बांध कर सैन्य विमान से लाया गया। उनको 40 घंटे तक बाथरूम जाने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ी। इस मामले ने पूरे देश में तूफ़ान खड़ा कर दिया। अमानवीय स्थिति के लिए विपक्ष ने मोदी सरकार की आलोचना की। संसद के दोनों सदनों में भी यह मुद्दा उठा और संसद की कार्यवाही बाधित हुई थी।
यह मुद्दा कितना बढ़ा यह विदेश मंत्रालय के बयान से भी समझा जा सकता है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि हम अमेरिकी अधिकारियों से कहते रहे हैं कि निर्वासित लोगों के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि अमेरिका में 487 भारतीय नागरिक ‘अंतिम निष्कासन आदेश’ के तहत हैं। इसी बीच पीएम मोदी अमेरिका यात्रा पर पहुँचे।

बहरहाल, अब इस हफ़्ते दो और उड़ानें आने वाली हैं। विपक्षी दलों ने निर्वासित भारतीयों के लिए प्राथमिक गंतव्य के रूप में अन्य राज्यों के बजाय पंजाब को चुनने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने सरकार के इस फ़ैसले की कड़ी आलोचना की है और आरोप लगाया है कि इस क़दम के पीछे राजनीतिक मक़सद है।

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चीमा ने कहा, 'भारत सरकार यह सुनिश्चित करके पंजाब को बदनाम करना चाहती है कि अमेरिका से आने वाले विमान अमृतसर में उतरें। ये विमान हरियाणा या गुजरात में क्यों नहीं उतरते? यह साफ़ है कि बीजेपी पंजाब को निशाना बना रही है। इन विमानों को अहमदाबाद में उतरना चाहिए।'

कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने भी इसी तरह की चिंताओं को दोहराया और पंजाब में बार-बार विमानों के उतरने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने एक दिन पहले कहा, 'हां, निर्वासित लोगों में पंजाब के लोग भी हैं, लेकिन विमान दूसरे राज्यों में क्यों नहीं उतर रहे हैं?'

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'उम्मीद है मोदी ने ट्रंप से शिकायत की होगी'

विपक्ष ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे को उठाया होगा कि कैसे अवैध रूप से अमेरिका में प्रवास करने वाले भारतीयों को बेड़ियों और हथकड़ियों के साथ सैन्य विमान में वापस भेजा गया। ट्रंप ने शुक्रवार को सुबह व्हाइट हाउस में मोदी की मेजबानी की, जिसके दौरान उन्होंने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पीटीआई से कहा, "मुझे उम्मीद है कि बंद दरवाजों के पीछे उन्होंने अमेरिकियों से कहा होगा, 'आप हमारे लोगों का अपमान नहीं कर सकते। आप उन्हें वापस भेज सकते हैं, वे अवैध हैं, हम उनकी देखभाल करेंगे, वे हमारे देश के हैं, लेकिन उन्हें सैन्य विमान से बेड़ियों और हथकड़ियों में वापस न भेजें... यह सही नहीं है'...।"

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क़मर वहीद नक़वी
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