यूपीएससी ने पूजा खेडकर का आईएएस चयन रद्द कर दिया है और उन्हें भविष्य में इसकी परीक्षा देने से रोक भी दिया है। पूजा खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा में अपनी उम्मीदवारी पाने के लिए विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (गैर-क्रीमी लेयर) कोटे का दुरुपयोग करने का आरोप है।
यूपीएससी ने यह कार्रवाई पूजा खेडकर की पात्रता और उनके आवेदन से जुड़ी परिस्थितियों की विस्तृत समीक्षा के बाद की है। यूपीएससी ने एक बयान में कहा है कि पूजा खेडकर को सिविल सेवा परीक्षा के नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है।
इसके बयान में कहा गया है, 'संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी द्वारा 18 जुलाई, 2024 को सिविल सेवा परीक्षा-2022 की अनंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवार पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर को अपनी पहचान को ग़लत तरीक़े से पेश करके परीक्षा नियमों में निर्धारित सीमा से अधिक प्रयास करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।'
यूपीएससी ने आधिकारिक बयान में कहा, 'यूपीएससी ने उपलब्ध रिकॉर्ड की सावधानीपूर्वक जांच की है और उन्हें सीएसई-2022 नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन का दोषी पाया है। सीएसई-2022 के लिए उनकी अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है और उन्हें यूपीएससी की सभी भावी परीक्षाओं, चयनों से भी स्थायी रूप से वंचित कर दिया गया है।'
इससे पहले मध्य जुलाई में सिविल सेवा परीक्षा में चयन को लेकर विवाद के बीच पूजा खेडकर के महाराष्ट्र में प्रशिक्षण को रोक दिया गया था। इसके साथ ही उनको आईएएस एकेडमी में रिपोर्ट करने को कहा गया था।
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए), मसूरी ने एक पत्र में कहा था कि उसने पूजा दिलीप खेडकर के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को रोकने का फैसला किया है और आगे की ज़रूरी कार्रवाई के लिए तत्काल वापस बुलाने का आदेश जारी किया है।
पूजा खेडकर पर विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप है। हाल ही में केंद्र ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी की पुष्टि करने के लिए एक सदस्यीय समिति का गठन किया था।
सिविल सेवा परीक्षा में पूजा खेडकर के एटेम्प्ट के बारे में जो जानकारी सामने आई है उसमें पता चला है कि उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग को पेश हलफनामे में दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का दावा किया था। खेडकर द्वारा बताई गई विकलांगताओं का उपयोग उनके यूपीएससी चयन के दौरान विशेष रियायतें प्राप्त करने के लिए किया गया था। परीक्षा में कम अंक प्राप्त करने के बावजूद इन रियायतों के कारण उन्हें परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफलता मिली।
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