सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने इस पर चिंता जताई है कि भारत में काम कर रहे उसके कर्मचारियों को डराने-धमकाने की कोशिशें की जा रही हैं।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के 'कांग्रेस टूलकिट' से जुड़े ट्वीट को कंपनी ने 'मैनिपुलेटेड मीडिया' की श्रेणी में डाल दिया, जिसके बाद दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा के लोग ट्विटर के दिल्ली व गुड़गाँव स्थित दफ़्तर पहुँच गए।
किरकिरी होने के बाद दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसके लोग नोटिस देने गए थे। पर पुलिस की इस कार्रवाई को ट्विटर को डराने-धमकाने की कार्रवाई के रूप में देखा गया।
कंपनी ने इस पर चिंता जताई है कि इस सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म पर जाने वाली तमाम सामग्रियों के लिए एक व्यक्ति चीफ़ कंप्लायंस अफ़सर को आपराधिक रूप से ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है।
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जैसा कि हम दुनिया भर में करते हैं, हम पारदर्शिता के सिद्धांतों और सेवा पर हर आवाज़ को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता और क़ानून के शासन के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता की रक्षा के लिए कड़ाई से निर्देशित होते रहेंगे।
ट्विटर इंडिया
मामला क्या है?
बता दें कि बीजेपी नेता संबित पात्रा के 'कांग्रेस टूलकिट' के ट्वीट को 'मैनिप्युलेटेड मीडिया' के रूप में टैग करने पर सोशल मीडिया साइट पर विवाद के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने नोटिस दिया था।
दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई तब हुई है जब केंद्र सरकार ने तीन दिन पहले ही ट्विटर से कहा था कि वह कांग्रेस की ओर से कथित रूप से जारी ‘टूलकिट’ को लेकर किए गए ट्वीट पर लगाए गए ‘मैनिप्युलेटेड मीडिया’ वाले टैग को हटा ले।
पात्रा ने यह ट्वीट 18 मई को किया था, इसमें इस कथित ‘टूलकिट’ के स्क्रीनशॉट को शेयर किया गया था। केंद्र सरकार द्वारा टैग हटाने के निर्देश दिए जाने के बाद भी ट्विटर ने ऐसा नहीं किया है।
क्या है कांग्रेस टूलकिट?
कांग्रेस ने ट्विटर से अपील थी कि इस 'टूलकिट' को लेकर संबित पात्रा और बाक़ी बीजेपी नेताओं ने जो ट्वीट किए थे, वे उन्हें हटा ले क्योंकि यह 'टूलकिट' फर्जी था। पात्रा के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय सहित कई नेताओं ने इस 'टूलकिट' को लेकर ट्वीट किए थे।
फ़ैक्ट चेक करने वाली न्यूज़ वेबसाइट 'ऑल्ट न्यूज़' ने तथ्यों की पड़ताल कर कहा था कि इस 'टूलकिट' को जाली लेटरहेड पर बनाया गया है। कांग्रेस के रिसर्च विभाग के अध्यक्ष राजीव गौड़ा ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया था कि 'सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास: महामारी के बीच वैनिटी प्रोजेक्ट' शीर्षक से दस्तावेज कांग्रेस के रिसर्च विभाग ने बनाया था और इसी के आधार पर बीजेपी ने जाली दस्तावेज तैयार कर 'कोविड टूलकिट' बताया है।
ऑल्ट न्यूज़ ने बताया था कि यह बात सही है कि कांग्रेस के रिसर्च विभाग के लेटरहेड से छेड़छाड़ कर इस टूलकिट दस्तावेज को बनाया था।
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