क्या एक साज़िश के तहत रिया और उसके परिवार को फँसाने की कोशिश की गयी? पिछले डेढ़ महीने से क्यों सुशांत का परिवार यह बात छुपा रहा था कि सुशांत मानसिक रूप से एक बीमारी का शिकार था? क्या राजनीतिक नेताओं और दलों ने कोई साज़िश रची थी? क्या उनका मक़सद सुशांत की मौत की आड़ में अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करना था? आख़िर माजरा क्या था? इस मामले की तह में जाना इसलिये अब ज़रूरी हो गया है क्योंकि सीबीआई जाँच के दौरान जो जानकारी सामने आयी है वो यह साफ़ कर देती है कि सुशांत मानसिक रूप से किसी बीमारी से परेशान थे और उनके घरवालों को इस बात की पूरी जानकारी थी।
ताज़ा जानकारी के मुताबिक़ सुशांत और उनकी बहन प्रियंका के बीच वाट्सऐप चैट के बाद अब उनके परिवार के कई सदस्यों के बयान भी सामने आए हैं जिससे पता चलता है कि उन्हें सुशांत के डिप्रेशन की जानकारी थी। ये बयान सुशांत सिंह राजपूत की मौत के कुछ दिन बाद के हैं। इसे मुंबई पुलिस ने रिकॉर्ड किया था और अब सुशांत के परिवार के सदस्यों के कम से कम तीन बयान सीबीआई के पास हैं। इनमें से दो बयानों में कहा गया है कि सुशांत 2013 से ही 'लो फील' कर रहे थे यानी उनको मानसिक दिक्कतें थीं। इसके अलावा एक अन्य बयान में 'एंग्जायटी और डिप्रेशन' को मौत का कारण बताया गया है। पहले उनका परिवार सुशांत के 'एंग्जायटी और डिप्रेशन' जैसी बीमारी से ग्रसित होने से इनकार करता रहा है।
ये तीनों ही बयान रिया चक्रवर्ती के ख़िलाफ़ दर्ज कराई गई एफ़आईआर के विरोधाभाषी हैं। सुशांत 'एंग्जायटी और डिप्रेशन' के शिकार थे या नहीं, इसी पर संदेह के कारण अधिकतर टीवी चैनलों में 'मर्डर मिस्ट्री' की ख़बरें दिन-रात चलाई जा रही हैं। 'एंग्जायटी और डिप्रेशन' की बात साबित होने पर रिया के ख़िलाफ़ केस कमज़ोर हो सकता है।
सुशांत के पिता के के सिंह और उनके वकील विकास सिंह कहते रहे हैं कि उन्हें सुशांत के डिप्रेशन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। पटना में दर्ज कराई गई उस एफ़आईआर में सुशांत के पिता ने दावा किया है कि 2019 में जब रिया चक्रवर्ती उनकी ज़िंदगी में आईं उससे पहले सुशांत के किसी मानसिक बीमारी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। उसमें उनके पिता ने यह भी दावा किया कि उनके परिवार की जानकारी के बिना उनका इलाज किया गया था। उन्होंने रिया पर सुशांत को ओवरडोज दवा देने का आरोप भी लगाया।
लेकिन सुशांत और उनकी बहन प्रियंका की वाट्सऐप चैट सामने आई तो इस पर सवाल खड़े होने लगे। प्रियंका ने सुशांत को उन तीन दवाइयों का प्रिस्क्रिप्शन दिया था जो एंग्जायटी, पैनिक डिसऑर्डर, डिप्रेशन जैसे मानसिक स्वास्थ्य के उपचार में काम आती हैं। इसके बाद यह कहा जाने लगा कि उनके परिवार को उनकी बीमारी के बारे में जानकारी थी।
अब सुशांत की मौत के कुछ दिन बाद के परिवार के बयान ही सामने आ गए हैं जिनमें सुशांत की मानसिक दिक्कतों का साफ़ ज़िक्र है।
'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई के पास जो तीन बयान हैं उनमें सुशांत की चार बहनों में से दो प्रियंका तँवर और नीतू सिंह के हैं और एक उनके जीजा सिद्धार्थ तँवर का है।
अपने बयान में नीतू ने पुलिस को बताया है कि सुशांत ने 2013 में अंधेरी में एक मनोचिकित्सक से सलाह ली थी। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने 16 जून को अपने बयान में कहा, '2013 में मेरे भाई सुशांत सिंह राजपूत ने मुझे और अन्य बहनों को बताया कि वह बहुत लो फ़ील (मानसिक दिक्कतें महसूस) कर रहा था। जब हम सभी ने उसे आश्वस्त किया तो वह इस से बाहर आ गया था। 2013 में उसने अंधेरी में एक मनोचिकित्सक से परामर्श लिया। उसके बाद वह संभला और उसका करियर अच्छा चल रहा था। उसने बहुत कम समय में बहुत बड़ी सफलता प्राप्त की।' उन्होंने यह भी कहा कि 2002 में उनकी माँ के निधन से वह काफ़ी आहत हुए थे क्योंकि माँ से उनका काफ़ी ज़्यादा लगाव था।
बयान में यह भी कहा गया है कि अक्टूबर 2019 में जब सुशांत ने परिवार से कहा था कि वह लो फ़ील कर रहे हैं तब उनकी बहन और जीजा ओ पी सिंह मुंबई गए थे और कुछ दिन साथ रहे थे। बयान के अनुसार एक महीने बाद तक जब उनकी स्थिति नहीं सुधरी तो सुशांत ने मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल से सहायता ली। बयान में कहा गया है कि इसी साल 4 जून को फिर से सुशांत ने नीतू को बताया कि वह लो फ़ील कर रहे थे और तब उनकी एक और बहन मीतू कुछ दिनों के लिए साथ रही थीं। 12 जून को मीतू अपने घर चली गईं और 14 जून को सुशांत की मौत हो गई।
नीतू ने तब अपने बयान में कहा था कि उन्हें नहीं पता कि सुशांत ने बिजनस या कुछ दूसरे कारणों से आत्महत्या की। 16 जून को रिकॉर्ड किए गए प्रियंका के बयान में भी यही डिटेल है।
'द इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील प्रियंका के पति सिद्धार्थ तँवर ने अपने बयान में कहा कि नवंबर 2009 में राजपूत ने प्रियंका को फ़ोन किया और कहा कि वह अस्वस्थ हैं और उन्हें 'अजीब लग रहा था'। सिद्धार्थ ने कहा कि उन्होंने सुशांत से मिलने उनकी बहनें मुंबई गईं और चंडीगढ़ के लिए फ़्लाइट से टिकट बुक किया। आख़िरी समय में सुशांत ने जाने से इनकार कर दिया। सिद्धार्थ ने अपने बयान में कहा, 'वह अपने मन को बदलते रहते थे।' उन्होंने यह भी कहा कि इस साल मई महीने में जब उनकी बात हुई थी तो सुशांत फ़िल्म इंडस्ट्री छोड़कर बच्चों को पढ़ाने और खेती करने की बात कह रहे थे।
सुशांत की दोनों बहनों और उनके जीजा के बयानों के बारे में पूछे जाने पर सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह ने कहा कि उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है इसलिए वह टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।
सीबीआई के पास राजपूत के पिता के के सिंह और बहन मीतू सिंह द्वारा दर्ज कराए गए बयान भी हैं। लेकिन दोनों में से किसी ने भी इसका उल्लेख नहीं किया है कि 2013 में राजपूत की मानसिक स्थिति कैसी थी।
के के सिंह ने अपने बयान में कहा कि वह आख़िरी बार अपने बेटे से 13 मई, 2019 में मिले थे, जब अभिनेता दो दिनों के लिए पटना गए थे। उन्होंने कहा कि 'वह किसी भी तरह से तनाव में नहीं था'।
उनके पिता ने बयान में कहा, 'मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि मेरे बेटे ने आत्महत्या क्यों की। उसने कभी भी मेरे साथ किसी भी प्रकार के अवसाद या तनाव के बारे में चर्चा नहीं की। मुझे लगता है कि सुशांत ने अवसाद के बाद आत्महत्या कर ली होगी।'
अब महाराष्ट्र पुलिस द्वारा रिकॉर्ड किए गए ये बयानों सीबीआई के पास हैं और इन बयानों के बाद इस केस में अब नया मोड़ आने की संभावना है। इन बयानों से ये तो साफ़ है कि रिया को जानबूझकर फँसाने की कोशिश की गयी। सवाल यह है कि यह कौन कर रहा था या किसके कहने पर ये किया गया और इसके पीछे का मक़सद क्या था?
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