संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के स्तर के अफसरों के ख़िलाफ़ 2014 से पहले के भ्रष्टाचार के मामलों में भी सीबीआई को अब केंद्र से मंजूरी लेने की ज़रूरत नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह फ़ैसला दिया है। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने सोमवार को घोषणा की कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 की धारा 6ए को असंवैधानिक घोषित करने का उसका 2014 का फ़ैसला पूर्व प्रभाव से लागू होगा। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना यानी डीएसपीई अधिनियम की धारा 6ए का प्रावधान 11 सितंबर 2003 को इसके शामिल किए जाने के दिन से ही अमान्य है। इसका मतलब यह है कि 2014 के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले की तारीख से पहले भी भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल वरिष्ठ सरकारी अधिकारी अब उस सुरक्षा कवच का लाभ नहीं उठा पाएँगे जो उनको पूर्व मंजूरी के रूप में मिला हुआ था।