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सुप्रीम कोर्ट ने बैलेट पेपर से मतदान की याचिका खारिज की, कांग्रेस आंदोलन करेगी

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (26 नवंबर) डॉ. के.ए. पॉल की उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पॉल ने देश में बैलेट पेपर से मतदान की मांग की थी। अन्य याचिकाओं में इसी के साथ चुनाव के दौरान पैसे, शराब और अन्य प्रलोभन बांटने का दोषी पाए जाने पर उम्मीदवारों को कम से कम 5 साल के लिए अयोग्य घोषित करने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश जारी करने का आदेश शामिल था। इस बीच कांग्रेस ने कहा है कि बैलेट पेपर से चुनाव के लिए वो आंदोलन करेगी।

व्यक्तिगत रूप से याचिकाकर्ता के रूप में उपस्थित होते हुए, डॉ. पॉल ने शुरुआत में जस्टिस विक्रम नाथ और पी.बी. वराले की बेंच के समक्ष अपनी याचिका पेश की। डॉ पॉल ने कहा- "यह जनहित याचिका, मैंने बहुत प्रार्थना के बाद दायर की है..." इससे पहले कि वो वाक्य पूरा कर पाते, जस्टिस नाथ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की: "आपने पहले भी जनहित याचिका दायर की है। आपको ऐसे शानदार विचार कैसे मिलते हैं?"

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लाइव लॉ के मुताबिक जस्टिस नाथ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि वह इस राजनीति में क्यों पड़ना चाहते हैं, इस पर उन्होंने जवाब दिया: "यह राजनीतिक नहीं है। देखिए, मैं 155 देशों में गया हूं और दुनिया के हर देश में, अगर आप देखें तो वहां बैलेट पेपर वोटिंग होती है। यदि आप देखें तो दुनिया के हर लोकतंत्र में बैलेट पेपर है। हम लोकतंत्र की रक्षा कर रहे हैं।" डॉ. पॉल ने आगे तर्क दिया कि बैलेट पेपर से चुनाव न होना अनुच्छेद 14, 19 और 21 का उल्लंघन है। वैसे भी आज संविधान दिवस है।" इस पर जस्टिस नाथ ने कहा- : "इस मामले की सुनवाई के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन!"

डॉ. पॉल ने कहा कि अनुच्छेद 32 उन्हें न्यायालय में जाने और तथ्य प्रस्तुत करने की अनुमति देता है। उन्होंने कहा, "तथ्य बहुत स्पष्ट हैं। सभी को पता है लेकिन कोई उपाय क्यों नहीं है? मैं 43 वर्षों से दुनिया भर के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों का मानवीय और राजनीतिक सलाहकार रहा हूं। यहां तक ​​कि पिछले 6 मुख्यमंत्रियों का भी। और वर्तमान प्रधान मंत्री सहित यहां के प्रधानमंत्रियों ने मेरे शिखर सम्मेलन में भाग लिया है। आप भी आश्चर्यचकित होंगे, 8 अगस्त को नई दिल्ली के ली मेरिडियन में हुए कार्यक्रम में इसका समर्थन किया था कि हम बाकी दुनिया का अनुसरण करें। 197 देशों में से 180..." (के लोग मौजूद थे)।

जस्टिस नाथ ने मौखिक रूप से पूछा कि क्या वह नहीं चाहते कि भारत बाकी दुनिया से अलग हो, तो उन्होंने जवाब दिया: "क्योंकि यहां भ्रष्टाचार है।"  जस्टिस नाथ ने उनके इस दावे का खंडन किया और कहा: "कोई भ्रष्टाचार नहीं है। कौन कहता है कि यहां भ्रष्टाचार है?" डॉ. पॉल ने कहा कि उनके पास भ्रष्टाचार के सबूत हैं। उन्होंने कहा: "चुनाव आयोग ने इस साल जून में घोषणा की कि उन्होंने नौ हजार करोड़, एक अरब डॉलर से अधिक नकदी और सोना जब्त किया है। इसका नतीजा क्या है?...मैं पहले ही पिछले तीन चुनाव आयुक्तों से मिल चुका हूं और सबूत प्रदान कर चुका हूं।" 

उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को जवाब दाखिल करने दीजिए। इस पर जस्टिस नाथ ने कहा- "राजनीतिक दलों को इस प्रणाली (ईवीएम) से कोई समस्या नहीं है। आपको समस्या है।"
डॉ. पॉल ने आगे दावा किया कि चुनाव के दौरान पैसा बांटा जाता है। उन्होंने कहा कि एक बिजनेसमैन, जिसका वह नाम नहीं लेना चाहते, उसने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी समेत सभी प्रमुख 6 पार्टियों को 12 सौ करोड़ रुपये दिए हैं। लेकिन इस पर जस्टिस नाथ ने पूछा, "हमें चुनाव के दौरान कभी पैसा नहीं मिला। हमें कुछ भी नहीं मिला..."

डॉ पॉल ने आगे कहा: "इस हालिया चुनाव में, मैंने माफिया को देखा है। मैं पुलिस में रहा हूं। बेशक, सिर्फ इसलिए कि पुलिस और अन्य लोग मेरा सम्मान करते हैं, उन्होंने मुझे जाने दिया। आपने सुना होगा, सुप्रीम में एक जनहित याचिका दायर की गई है, स्वामी सहित कुछ लोगों द्वारा अदालत में, जहां विधायक अंदर गए और सचमुच अविश्वसनीय भ्रष्टाचार के कारण ईवीएम को तोड़ दिया...तो, यह कल्पना से परे है...विशेषज्ञ एलोन मस्क को लें, जिन्होंने हमारे शिखर सम्मेलन में भाग लिया था, उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखित रूप में कहा था कि ईवीएम में गड़बड़ी हो सकती है। सीएम चंद्रबाबू नायडू, ने 2018 में ट्वीट किया था कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है और अब जग्गन मोहन रेड्डी ने ट्वीट किया है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है।''
लाइव लॉ के मुताबिक जस्टिस नाथ ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया और कहा: "क्या होता है, यदि आप चुनाव जीतते हैं, तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जाती है। जब आप चुनाव हारते हैं, तो ईवीएम से छेड़छाड़ की जाती है। जब चंद्रबाबू नायडू हार गए, तो उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। अब, इस बार , जग्गन मोहन रेड्डी हार गए, उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है।

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महाराष्ट्र और यूपी उपचुनाव में धांधली की खबर के बाद ईवीएम का मुद्दा फिर से गरम हो गया है। महाराष्ट्र में सरकार विरोधी लहर के बावजूद जिस तरह से विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया को 49 सीटें मिली है, लोग इसका यकीन नहीं कर पा रहे हैं। तमाम आरोपों के चलते चुनाव आयोग की विश्वसनीयता खत्म होती जा रही है।

कांग्रेस करेगी आंदोलन

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को एक्स पर कहा कि कांग्रेस ईवीएम के खिलाफ और बैलेट पेपर से चुनाव की मांग को लेकर जल्द ही जनता के बीच जाएगी।कांग्रेस ने अपने अध्यक्ष खड़गे के हवाले से कहा- हमको EVM से चुनाव नहीं चाहिए। हमें बैलेट पेपर से चुनाव चाहिए। हमने जैसे 'भारत जोड़ो यात्रा' निकाली थी, वैसे ही बैलेट पेपर से चुनाव के लिए एक देशव्यापी अभियान चलाएंगे।

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क़मर वहीद नक़वी
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