राजनीति को अपराध से मुक्त करने की दिशा में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फ़ैसला दिया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना, न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की बेंच ने मंगलवार को कहा है कि सांसदों, विधायकों के ख़िलाफ़ दर्ज आपराधिक मामले हाई कोर्ट की मंजूरी के बिना वापस नहीं लिए जा सकेंगे। इसके साथ ही राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों के चयन के 48 घंटों के भीतर आपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक करना ही होगा। अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह को निलंबित करने की माँग की गई थी जो अपने उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि का खुलासा नहीं करते हैं।