सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा मनमाने ढंग से विध्वंस (डिमोलिशन) के खिलाफ पहली बार दिशानिर्देश जारी किए, जिसमें फैसला सुनाया गया कि नागरिकों की आवाज को "उनकी संपत्तियों को नष्ट करने की धमकी देकर दबाया नहीं जा सकता" और इस तरह के "बुलडोजर न्याय" के लिए कानून द्वारा शासित समाज में कोई जगह नहीं है।