संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री मोदी के 'जान को ख़तरा' वाले नैरिटिव को खारिज कर दिया है और कहा है कि यह किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश है। इसने एक बयान जारी कर कहा है कि प्रधानमंत्री की यात्रा रोकने या उनके कार्यक्रम में अड़चन डालने का कोई कार्यक्रम नहीं था। इसने तो यह भी दावा किया है कि प्रदर्शन करने वाले किसानों को इसकी कोई पुख्ता सूचना नहीं थी कि प्रधानमंत्री का काफिला वहाँ से गुजरने वाला है। किसान यूनियनों के संगठन ने आरोप लगाया है कि रैली की विफलता को ढँकने के लिए प्रधानमंत्री ने पंजाब प्रदेश और किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की है।
प्रधानमंत्री की जान को ख़तरा होने की बात मनगढ़ंत: संयुक्त किसान मोर्चा
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- 6 Jan, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक की सचाई क्या है? क्या प्रदर्शन करने वाले किसानों से प्रधानमंत्री की जान को ख़तरा था? जानिए, किसानों और इसके संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने क्या कहा।

संयुक्त किसान मोर्चा ने यह बयान तब जारी किया है जब प्रधानमंत्री मोदी से लेकर तमाम केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के नेता प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले को जोर शोर से उठा रहे हैं। यह किसान मोर्चा वही है जो तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ क़रीब साल भर तक किसानों के आंदोलन की अगुवाई करता रहा।