राज्यसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस के तीनों नेता- मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी जीत गए हैं। कांग्रेस की ओर से ये तीन ही उम्मीदवार थे। बीजेपी की ओर से घनश्याम तिवारी और बीजेपी समर्थित सुभाष चंद्रा चुनाव मैदान में थे। घनश्याम तिवारी भी चुनाव जीत गए हैं, जबकि मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा को हार का सामना करना पड़ा। कहा जा रहा था कि सुभाष चंद्रा को जीताने के लिए बीजेपी पूरी मशक्कत कर रही थी। इस एक सीट को नाक का सवाल दोनों दलों की तरफ़ से नाक का सवाल था। यही वजह थी कि कथित खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए विधायकों को काफ़ी समय से होटलों में रखा गया था।
चुनाव जीतने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 'बीजेपी ने एक निर्दलीय को उतारकर हॉर्स ट्रेडिंग का प्रयास किया, लेकिन हमारे विधायकों की एकजुटता ने इस प्रयास को करारा जवाब दिया।'
यह शुरू से स्पष्ट था कि कांग्रेस के पास तीनों सीटों के लिए जरूरी बहुमत है। परन्तु भाजपा ने एक निर्दलीय को उतारकर हॉर्स ट्रेडिंग का प्रयास किया। हमारे विधायकों की एकजुटता ने इस प्रयास को करारा जवाब दिया है। 2023 विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को इसी तरह हार का सामना करना पड़ेगा।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 10, 2022
कर्नाटक में भी कांटे की टक्कर थी। 4 सीटों के लिए छह उम्मीदवार थे। 4 सीटों में से तीन पर बीजेपी की ओर से निर्मला सीतारमण, जग्गेश, लहर सिंह सिरोया ने कब्जा जमाया। जबकि कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश जीत पाए और मंसूर अली खान चुनाव हार गए। जेडीएस की ओर से कुपेंद्र रेड्डी भी चुनाव हार गए।
हरियाणा में अजय माकन हारे
राज्यसभा चुनाव में हरियाणा में एक सीट पर बीजेपी के कृष्ण लाल पंवार को जीत मिली है जबकि दूसरी सीट पर बीजेपी-जेजेपी समर्थित कार्तिकेय शर्मा ने कामयाबी हासिल की। जबकि कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन हार गए। बता दें कि मीडिया कारोबारी कार्तिकेय शर्मा के चुनाव मैदान में आने के बाद से ही कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही थीं।
बता दें कि राजस्थान में राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने वाले सुभाष चंद्रा ने चुनाव से पहले दावा किया था कि वह कांग्रेस विधायकों की क्रॉसवोटिंग के ज़रिए जीतने जाएँगे। उन्होंने कांग्रेस नेता सचिन पायलट के लिए भी यह कहते हुए डोरे डाले थे कि उनके पिता राजेश पायलट उनके दोस्त थे और सचिन पायलट के पास अब एक युवा और लोकप्रिय नेता के रूप में एक अवसर है। सुभाष चंद्रा ने सचिन पायलट के लिए संदेश देते हुए कहा था, 'वह इसका इस्तेमाल बदला लेने या संदेश भेजने के अवसर के रूप में कर सकते हैं। अगर सचिन पायलट इस अवसर को चूक जाते हैं, तो वह 2028 तक मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे।'
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बहरहाल, सुभाष चंद्रा के इस दावे पर सचिन पायलट ने पलटवार किया और कहा था कि यह 'हास्यास्पद' है। उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि 'सुभाष चंद्रा को बीजेपी ने चुनाव लड़ने के लिए मूर्ख बनाया है और उन्हें अपमानित किया जाएगा।' उन्होंने कहा, 'सुभाषजी, यह कोई टीवी श्रृंखला या मनोरंजन नहीं है। यह गंभीर काम है।'
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