कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राहुल ने कहा कि आज हिंदुस्तान में लोकतंत्र ख़त्म हो चुका है और तानाशाही लागू है। उन्होंने कहा कि संसद में विपक्ष को बोलने नहीं दिया जाता है और केंद्र सरकार नहीं चाहती कि जनता से जुड़े मुद्दों को उठाया जाए। राहुल ने कहा कि यह सरकार सिर्फ चार पांच लोगों के लिए काम कर रही है।
राहुल ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों के वक्त हमारा संस्थानों के कामकाज में कोई दखल नहीं था और उन्हें पूरी आज़ादी थी। उन्होंने कहा कि आरएसएस देश में मनमानी कर रहा है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा बेरोजगारी भारत में है और वित्त मंत्री को महंगाई और बेरोजगारी के आंकड़े नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बताए कि स्टार्टअप इंडिया कहां है और स्टार्टअप लोगों को नौकरी से निकाल रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि जितना वह लोगों के सामने सच को रखेंगे उतने ही ज्यादा उन पर आक्रमण होंगे। उन्होंने कहा कि वह आम लोगों के मुद्दों को उठाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार डरी हुई है और यह जनता की ताकत से डरती है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हिटलर भी चुनाव जीत जाता था और वह इसलिए चुनाव जीतता था क्योंकि जर्मनी के सभी संस्थान उसके हाथ में थे। वायनाड से कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने कहा कि वित्त मंत्री को अर्थव्यवस्था की कोई समझ नहीं है और वह सिर्फ सरकार का मुखौटा हैं। उन्होंने कहा कि छोटे उद्योग पूरी तरह खत्म हो गए हैं और वित्त मंत्री कहती हैं कि कोई दिक्कत नहीं है।
बता दें कि ईडी ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से पूछताछ की थी। कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे से भी जांच एजेंसी ने गुरूवार को पूछताछ की। तब कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया था।
राहुल गांधी ने गुरूवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें और अन्य विपक्षी नेताओं की आवाजों को चुप कराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड का पूरा मामला डराने और धमकाने का है। राहुल ने कहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह को लगता है कि थोड़े दबाव डालने से हम चुप हो जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं होगा।
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