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पुणे रेप कांडः 75 घंटे बाद आरोपी गिरफ्तार, कई दलों के नेताओं से संंबंध

पुणे रेप मामले में आरोपी दत्तात्रेय रामदास गडे को 75 घंटे के पुलिस अभियान के बाद आज शुक्रवार (28 फरवरी) श्रीरूर कस्बे से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी पर पुणे के स्वरगेट बस स्टेशन में एक 26 वर्षीय महिला के साथ बस के अंदर रेप करने का आरोप है। लेकिन आरोपी के कुछ नेताओं के साथ संबंध बताये गये हैं। 
महिला के साथ रेप की घटना मंगलवार सुबह पुलिस स्टेशन से सिर्फ 100 मीटर की दूर पर स्वरगेट बस स्टैंड में हुई। यह घटना सुबह 5.45 बजे से 6 बजे के बीच तब हुई, जब पीड़िता सतारा जिले में अपने गृहनगर के लिए बस का इंतजार कर रही थी। स्वरगेट बस स्टैंड महाराष्ट्र के चंद बड़े पुलिस स्टेशनों में से एक है।
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पीड़िता के अनुसार, आरोपी ने शुरू में उससे बातचीत की और उसे 'दीदी' कहा। उसने उसे बताया कि सतारा के लिए बस दूसरे प्लेटफॉर्म पर आ गई है और फिर उसे परिसर में खड़ी एक खाली बस (शिव शाही एसी बस) में ले गया। चूंकि बस के अंदर लाइट नहीं जल रही थी, इसलिए वह अंदर जाने से हिचकिचाई, लेकिन उस आदमी ने उसे यकीन दिलाया कि यह सही वाहन है। यह बात पीड़िता ने कही। पीड़ित महिला मेडिकल सेक्टर में कार्यरत है।
पुलिस के मुताबिक आरोपी कई महीनों से खुद को पुलिसकर्मी बताकर घूम रहा था। पुणे के गुणत गांव का रहने वाला 37 वर्षीय आरोपी पुणे और अहिल्यानगर जिलों में चोरी, डकैती और चेन छीनने के आधा दर्जन मामलों में भी नामजद है। वह 2019 से एक अपराध में जमानत पर बाहर था।
आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों पर कुल 13 पुलिस टीमें तैनात की गईं। तलाशी अभियान के हिस्से के रूप में स्निफर डॉग्स और ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया। पुणे सिटी और पुणे रूरल पुलिस ने गुणत गांव में गन्ने के खेतों सहित तलाशी अभियान चलाया।
पुणे पुलिस ने पहले आरोपी के ठिकाने की जानकारी देने वालों के लिए 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। घटना को शुरू में लोकल मानकर मीडिया ने बहुत तवज्जो नहीं दी। लेकिन जब उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने इसको लेकर प्रदर्शन किया तो मामला बढ़ गया। महाराष्ट्र के कई शहरों में प्रदर्शन हुआ। विपक्ष ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा दिया।

राजनीतिक विवाद

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुणे बस रेप केस के आरोपी की पुणे जिले के श्रीरुर विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक नेताओं के साथ तस्वीरें सामने आने के बाद एक विवाद खड़ा हो गया है। एक वायरल हुई तस्वीर में आरोपी गडे को एनसीपी (अजित पवार गुट) के श्रीरुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक मौली काटके के साथ पुरुषों के एक समूह के साथ देखा जा सकता है।
इसके अलावा, गडे की तस्वीर उसी विधानसभा क्षेत्र से एनसीपी (शरद पवार गुट) के पूर्व विधायक अशोक पवार को जन्मदिन की बधाई देने वाले एक बैनर पर भी दिखाई दी थी। काटके और पवार दोनों ने गडे के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया। काटके ने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते कई लोग उनसे मिलते हैं और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं। काटके ने कहा कि आरोपी को फांसी पर लटका देना चाहिए।
इसी तरह, आरोपी के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार करते हुए पवार ने कहा कि पुलिस को यह जांच करनी चाहिए कि आरोपी किसके लिए काम कर रहा था। उज्जैन की उसकी यात्रा का विवरण दिया जाये। जहां उस पर सत्तारूढ़ पार्टी के स्थानीय विधायक के कहने पर कई लोगों को ले जाने का आरोप लगाया गया है।
महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने भी आरोपी के राजनीतिक संबंधों पर सवाल उठाए। दानवे ने कहा- "मैं अभी किसी का नाम नहीं लूंगा.... लेकिन मेरे पास जानकारी है कि सत्तारूढ़ पार्टी के स्थानीय विधायक के कहने पर वो कई लोगों को उज्जैन ले गया था। आरोपी इस काम के लिए जिम्मेदार था। इसलिए सवाल यह है कि क्या आरोपी किसी राजनीतिक पार्टी के लिए काम कर रहा था।"

मंत्री का जवाब

जब आरोपी की राजनीतिक नेताओं के साथ तस्वीरों के बारे में पूछा गया, तो गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने एक मीडिया से कहा, "इस अपराध का आरोपी की पृष्ठभूमि से कोई लेना-देना नहीं है। कानून की नजर में एक आरोपी सिर्फ एक आरोपी होता है। हम उसे किसी राजनीतिक या सांप्रदायिक समूह से जुड़ा हुआ नहीं मान सकते। आरोपी को न्याय के कटघरे में लाना होगा और यही एकमात्र उद्देश्य है जिसके साथ पुलिस काम कर रही है।"
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पुलिस सूत्रों ने कहा कि कुछ साल पहले शिरूर के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले गडे ने कर्ज लेकर एक चार पहिया वाहन खरीदा था। वह पुणे से अहमदनगर तक यात्रियों को ले जाने का काम करता था। पुलिस ने कहा कि गडे पर महिला यात्रियों से चाकू के बल पर सोने के गहने छीनने का आरोप लगाया गया था।
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क़मर वहीद नक़वी
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