बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर फिर विवादों में हैं। विवादित बयान देकर अक्सर राजनेताओं से उलझती रहीं प्रज्ञा इस बार आम नागरिक के साथ उलझ गईं। दरअसल, हुआ यह कि प्रज्ञा को प्लेन में अपनी पसंद की सीट नहीं मिली तो उन्होंने ऐसा विरोध किया कि प्लेन क़रीब 45 मिनट तक उड़ान नहीं भर पाया। देरी होने से नाराज़ प्लेन के कुछ सह यात्री प्रज्ञा पर बरस पड़े। उन्होंने तो प्रज्ञा को यहाँ तक कह दिया कि आपको शर्म आनी चाहिए! इसका एक वीडियो वायरल हुआ है।
यह विवाद हुआ स्पाइसजेट की उड़ान संख्या एसजी 2489 में। प्रज्ञा ने इस विमान पर सीट संख्या 1ए बुक की थी और वह शनिवार शाम को दिल्ली एयरपोर्ट पर अपनी ह्विलचेयर पर गईं। वह विमान में सबसे आगे की सीट चाहती थीं, जबकि उन्हें सीट नंबर 2-ए दी जा रही थी। इसी को लेकर विवाद हो गया। स्पाइसजेट के कर्मचारियों के काफ़ी समझाने के बाद भी वह नहीं मानीं और इस कारण फ़्लाइट के उड़ान भरने में काफ़ी देरी हो गई। इस बीच सह यात्री प्रज्ञा ठाकुर से उलझ गए। इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
वीडियो में एक महिला यात्री स्पाइसजेट के क्रू मैंबर से कह रही हैं कि किसी के समय की वैल्यू ही नहीं है… मैनेजमेंट का मामला है आप निर्णय लीजिए। कोई प्रोफ़ेशनलिज़्म नाम की चीज नहीं है यहाँ...
इतने में प्रज्ञा ठाकुर कहती हैं कि मैंने शुरू में ही कह दिया है कि अपनी रूल बुक मुझे दिखा दो। मुझसे बैठते बनेगा तो चली जाऊँगी अगर नहीं बनेगा तो नहीं जाऊँगी...
इतने में एक पुरुष यात्री ने प्रज्ञा को टोका।
प्रज्ञा ने कहा- हम इस फ़्लाइट से क्यों जा रहे हैं, इसमें फ़र्स्ट क्लास नहीं है, कोई तो कारण होगा...
यात्री ने प्रज्ञा से कहा, कि आपका राइट नहीं है फर्स्ट क्लास...
इस पर प्रज्ञा ने कहा, मेरा राइट है फर्स्ट क्लास...
कहने को तो ये मैडम साध्वी हैं.
— Ajit Anjum (@ajitanjum) December 23, 2019
जनता ने एमपी क्या बना दिया इतना दिमाग खराब हो गया है कि प्लेन में पहली सीट के लिए अड़ गई . VVIP होने का धौंस जताते हुए जोर-जबरदस्ती पर उतरी तो जनता ने इनका क्या हाल किया , देख लीजिए ..#PragyaSinghThakur #Sadhvipragya pic.twitter.com/XT9UjBX1ot
बाद में यात्री ने कहा, आपको इतनी नैतिकता होनी चाहिए कि यदि आपकी वजह से एक आदमी और भी परेशान हो रहा है तो आपको ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए क्योंकि आप लीडर हो। आपको इस बात की शर्म नहीं है कि 50 लोगों को आपने फिरौती के तौर पर रख लिया है।’
इस पर प्रज्ञा बोलती हैं, 'लैंग्वजे ठीक रखो’
इसके बाद यात्री ने कहा कि ‘बिल्कुल मैं ठीक लैंग्वेज में बोल रहा हूँ। आपसे मैं बहुत इज़्ज़त और प्रेस से बात कर रहा हूँ।’
इस पर प्रज्ञा भड़क गईं और 'शर्म' शब्द पर आपत्ति करने लगीं।
यात्री जवाब देते हैं जी बिल्कुल शर्म बहुत अच्छा शब्द है...।
बता दें कि जब इस विवाद के निपटारे के बाद विमान भोपाल में पहुँचा तो प्रज्ञा ठाकुर ने शिकायत की थी कि स्पाइसजेट ने उन्हें उस सीट को देने से मना कर दिया जो उन्होंने दिल्ली-भोपाल फ़्लाइट में बुक की थी। उन्होंने स्पाइसजेट के कर्मचारियों पर अभद्रता करने का आरोप भी लगाया। प्रज्ञा द्वारा लगाए गए आरोप पर स्पाइस जेट ने सफ़ाई दी है। स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने कहा कि फ्लाइट में पहली रो इमरजेंसी है, जिसमें सुरक्षा कारणों से व्हीलचेयर वाले पैसेंजर को सीट नहीं दी जाती है, उन्होंने एयरलाइन के माध्यम से व्हीलचेयर बुक नहीं की थी।
स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘जैसा कि बीजेपी सांसद अपनी व्हीलचेयर के साथ आई थीं और उन्होंने एयरलाइन के माध्यम से बुकिंग नहीं की थी, स्टाफ को इसके बारे में पता नहीं था कि वह व्हीलचेयर यात्री थीं।'
बयान में कहा गया है, ‘सुरक्षा कारणों से उन्हें चालक दल द्वारा 2ए/बी (ग़ैर-आपातकालीन) में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। ड्यूटी मैनेजर और अन्य स्टाफ़ ने भी उनसे दूसरी सीट पर जाने का अनुरोध किया।’
प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने सुरक्षा निर्देश दस्तावेज़ माँगा जिसमें एग्ज़िट डोर पॉलिसी का उल्लेख हो और स्पष्टता के लिए उन्हें दिखाया गया। प्रवक्ता ने कहा, 'चूँकि उड़ान में देरी हो रही थी इसलिए अन्य यात्री परेशान हो रहे थे और माननीय ठाकुर से अपनी सीट बदलने का अनुरोध किया गया लेकिन उन्होंने मना कर दिया। क्योंकि उन्होंने अपनी सीट बदलने से इनकार कर दिया अन्य यात्रियों ने भी एयरलाइन कर्मचारियों से उनको उतारने का अनुरोध किया। आख़िर में माननीय प्रज्ञा ठाकुर ने अपनी सीट 1ए से 2बी बदलने के लिए सहमति व्यक्त की और फ्लाइट ने उड़ान भरी।’
साध्वी ने अब इस पर बयान देकर कहा है कि मेरे स्पाइनल कोर्ड में दिक्कत है और मुझे 1ए सीट दी गई थी जिसमें पैर के लिए ज़्यादा जगह होती है। उन्होंने कहा कि विमान के कर्मियों ने उन्हें कहा कि वह इमरजे़ंसी सीट है, लेकिन इसका कहीं भी ज़िक्र नहीं था। प्रज्ञा ने कहा कि मैंने उनसे रूल बुक माँगी तो उन्होंने नहीं दी।
उन्होंने यह भी कहा, 'कुछ यात्री आए और कहा कि क्यों उड़ान में देरी की जा रही है। लोगों ने सोचा कि मैं वीआईपी का रुतबा दिखा रही हूँ, लेकिन मैं एक सामान्य यात्री की तरह यात्रा कर रही थी। पीठ में दर्द के साथ मैंने यात्रा की और बाद में भोपाल एयरपोर्ट निदेशक से शिकायत की है।'
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