देश में कोरोना संक्रमण से बिगड़ते हालात के बीच प्रधानमंत्री मोदी एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक ली है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में तेज़ी से फैलते कोरोना संक्रमण के अलावा देश में जारी कोरोना टीकाकरण अभियान की भी समीक्षा की गई। रिपोर्ट है कि इस बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, स्वास्थ्य सचिव, डॉ. विनोद पॉल सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
यह बैठक ऐसे दौर में हुई है जब देश में शनिवार को एक दिन में कोरोना संक्रमण के 93 हज़ार 249 मामले आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को जो आँकड़े जारी किए हैं उसके अनुसार 24 घंटे में 513 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही देश में अब कोरोना संक्रमण के कुल मामले 1 करोड़ 24 लाख 85 हज़ार से ज़्यादा हो गए हैं और मरने वालों की संख्या 1 लाख 64 हज़ार से ज़्यादा हो गई है। देश में सक्रिय कोरोना संक्रमण के मामले 6 लाख 91 हज़ार से ज़्यादा हो गए हैं।
शनिवार को 93 हज़ार से ज़्यादा आया यह आँकड़ा 19 सितंबर के बाद सबसे ज़्यादा संक्रमण का आँकड़ा है और तब 93 हज़ार 337 मामले दर्ज किए गए थे। इसके साथ ही भारत अब हर रोज़ सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले में दुनिया में पहले स्थान पर आ गया है। भारत के बाद सबसे ज़्यादा अमेरिका में क़रीब 66 हज़ार संक्रमण के मामले आए हैं। तीसरे स्थान पर ब्राज़ील है जहाँ क़रीब 41 हज़ार पॉजिटिव केस आए हैं।
देश में कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है। राज्य में शनिवार को 49 हज़ार 447 मामले दर्ज किए गए और 277 लोगों की मौत हुई। राज्य की राजधानी मुंबई में शनिवार को 9,000 से ज़्यादा नये मामले आए। मुंबई में यह एक दिन में अब तक सबसे ज़्यादा है।
कोरोना संक्रमण की तेज़ होती रफ़्तार के बीच दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने दो दिन पहले ही गंभीर हालात को लेकर लोगों को चेताया है।
डॉ. गुलेरिया ने कहा है कि हालात बेहद गंभीर हैं और अगर कोरोना से बचने के लिए ज़रूरी एहतियात नहीं बरते गए तो देश में एक बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
कोरोना वैक्सीन से बड़ी आस है, लेकिन अभी बड़ी आबादी को टीके लगाए जाने बाक़ी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा है कि देश भर में अब तक 7.44 करोड़ वैक्सीन की खुराक का इस्तेमाल किया गया है। इनमें 89,53,552 स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं जिन्होंने पहली खुराक ली है और 53,06,671 स्वास्थ्य कर्मियों ने दूसरी खुराक ली है। 96,19,289 फ्रंटलाइन वर्कर्स ने पहली खुराक ली है और 40,18,526 ने दूसरी खुराक ली है। 45 वर्ष से अधिक आयु के 4,57,78,875 लोगों को पहली खुराक और 7,65,354 लोगों को दूसरी खुराक लगाई जा चुकी है।
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