क्या इसकी कल्पना की जा सकती है कि देश में प्रति 100 युवाओं में से 25 को कोई काम ही नहीं मिले या फिर किसी राज्य में तो 100 में से 47 युवाओं के पास कोई काम ही नहीं हो! पाँच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था, विश्व गुरु बनने का सपना क्या ऐसे पूरा हो सकता है जिसमें इतनी बड़ी आबादी बिना किसी काम के बैठी हो?