loader
पुलवामा हमला। (फाइल फ़ोटो)

रक्षामंत्री बोले- मोदी सरकार में कोई आतंकी हमला नहीं; फिर उरी, पुलवामा क्या था?

देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देश में आतंकवादी हमलों पर ऐसा बयान दे दिया कि हर कोई अचरज में पड़ जाए! उनके बयान पर सोशल मीडिया पर हर कोई फैक्ट चेक करने वाला बन गया है! यानी उनके बयान की पड़ताल करने के लिए कोई कसरत करने की ज़रूरत ही नहीं है। दरअसल, राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 में सत्ता संभालने के बाद देश में एक भी बड़ा आतंकवादी हमला नहीं हुआ। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने 2014 से हुए आतंकी हमलों की लंबी फेहरिस्त डालनी शुरू कर दी। सोशल मीडिया यूज़रों ने पूछा कि फिर 2014 व 2016 में उरी हमला, 2016 का पठानकोट हमला, 2019 का पुलवामा हमला और ऐसे ही दूसरे हमले क्या थे? यदि ये आतंकवादी हमले नहीं थे तो फिर सरकार ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक क्यों की थी?

वैसे, पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक का ज़िक्र खुद राजनाथ सिंह ने उसी भाषण में किया जिसमें वह यह दावा कर रहे थे कि मोदी के सत्ता में आने के बाद कोई बड़ा आतंकवादी हमला नहीं हुआ। राजनाथ सिंह ने कहा कि उरी आतंकी हमले के बाद हमने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक करके दुनिया को साफ़ संदेश दिया कि हम आतंकियों को अपने यहाँ तो मार ही सकते हैं और ज़रूरत पड़ने पर उन्हें सीमा पार जाकर भी ढेर कर सकते हैं।

ताज़ा ख़बरें

रक्षामंत्री के बयान पर लोगों ने क्या-क्या सवाल उठाए, यह जानने से पहले यह जान लीजिए कि राजनाथ सिंह ने आख़िर कहा क्या था। राजनाथ सिंह ने गुरुवार को गुजरात के नर्मदा ज़िले में प्रदेश कार्यकारिणी की तीन दिवसीय बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने बैठक में इस बात पर जोर दिया कि केंद्र में बीजेपी सरकार के होने से आतंकवादी डरे हुए हैं। इसी को बढ़ाचढ़ा कर पेश करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर की बात छोड़िए, नरेंद्र मोदी के आने के बाद देश के किसी भी हिस्से में कोई बड़ा आतंकवादी हमला नहीं हुआ है। यह हमारी अहम उपलब्धि है। ऐसा लगता है कि अब आतंकवादी भाजपा सरकार से डरे हुए हैं। यह कोई छोटी बात नहीं है।'

उनके इस बयान के बाद लोगों ने 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से एक के बाद एक आतंकवादी घटनाओं को सामने रखना शुरू किया। कांग्रेस के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ट्वीट किया, 'रक्षा मंत्री का यह बयान कि 2014 के बाद से कोई बड़ी आतंकी घटना नहीं हुई है, हमारे जवानों के बलिदान का घोर अपमान है। पुलवामा, पठानकोट, उरी, मोहरा, नगरोटा, सुकमा (दो बार)। ये क्या थे? साउंड एंड लाइट शो? बीजेपी सरकार का 'हेड इन सैंड' सिंड्रोम भारत को भारी पड़ रहा है!"

सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, "मोदी सरकार ने एक आश्चर्यजनक दावा किया है कि 'मोदीजी के आने के बाद देश के किसी भी हिस्से में कोई बड़ा आतंकवादी हमला नहीं हुआ'।

यह उन लोगों की स्मृति का गहरा अपमान है जो भारत में कई हमलों में मारे गए, जिसे मोदी सरकार अब चाहती है कि हम सब भूल जाएँ।"

कांग्रेस ने राजनाथ सिंह के बयान के जवाब में कई आतंकवादी घटनाओं का सिलसिलेवार ज़िक्र किया।

2014 के बाद से प्रमुख आतंकी घटनाएँ

  • 5 दिसंबर 2014: उरी तहसील में मोहरा आर्मी कैंप पर आतंकियों ने हमला किया था। सेना के 10 जवान शहीद हुए और छह आतंकी मारे गए।
  • 28 दिसंबर, 2014: बेंगलुरू के चर्च स्ट्रीट पर बमबारी की गई, जिसमें एक की मौत हो गई और दो घायल हो गए।
  • 4 जून, 2015: उग्रवादियों के एक समूह ने मणिपुर में एक सैन्य काफिले पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें 18 भारतीय सशस्त्र बल के जवान मारे गए।
  • 2 जनवरी 2016: पठानकोट वायुसेना अड्डे पर आतंकवादियों ने हमला किया जिसमें एक नागरिक और आठ सुरक्षाकर्मी शहीद हुए।
  • 18 सितंबर, 2016: भारी हथियारों से लैस चार आतंकवादियों ने उरी में सेना के अड्डे पर हमला किया, जिसमें 19 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए।
  • 29 नवंबर, 2016: जम्मू-कश्मीर के नगरोटा सैन्य शिविर में आतंकवादियों के घुसने से सेना के सात जवान शहीद हो गए।
  • 24 अप्रैल, 2017: छत्तीसगढ़ के सुकमा में माओवादी हमले में 25 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान शहीद हो गए। 
  • 13 मार्च, 2018: छत्तीसगढ़ के सुकमा में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस विस्फोट में सीआरपीएफ़ के नौ जवान शहीद हो गए।
  • 14 फरवरी, 2019 - जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के पास हमले में अर्धसैनिक बल के 40 जवान मारे गए।
देश से और ख़बरें

इस मामले में लोकसभा में पेश आँकड़ों से ही पता चलता है कि अकेले जम्मू-कश्मीर में 2014 और 2020 के बीच 2,546 आतंकवादी घटनाएँ हुईं। इन हमलों में 481 सुरक्षा बल के जवान और 215 नागरिक मारे गए। 19 दिसंबर, 2018 को लोकसभा की प्रतिक्रिया में उल्लेख किया गया था कि 2015 और 2016 में प्रत्येक साल 'आंतरिक क्षेत्रों में एक बड़ा आतंकवादी हमला' हुआ था।

तो सवाल है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्यों कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बड़ा आतंकवादी हमला नहीं हुआ है? क्या उनका बयान इन हमलों के संदर्भ नहीं था?

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें