एफ़-16 फ़ाइटर जहाज़ के 26 फ़रवरी को भारत के ख़िलाफ़ इस्तेमाल का मामला पाकिस्तान के लिए एक बड़ी सामरिक भूल साबित हो सकता है। यह ग़लती पाकिस्तान की वायु प्रतिरक्षा की क्षमता को कहीं हमेशा के लिए अपंग ना बना दे।
पाकिस्तान इस बात को नकार रहा है कि उसने भारत के ख़िलाफ़ एफ़-16 फ़ाइटर जहाज़ का इस्तेमाल किया था। पर भारतीय वायुसेना ने इस बारे में पुख़्ता सबूत जुटा कर अमेरिका को भेज दिए हैं और अमेरिकी रक्षा विभाग ने पाकिस्तान से जवाब-तलब करना शुरू कर दिया है।
शीतयुद्ध के समय से ही अमेरिका, पाकिस्तान को अत्याधुनिक हथियार और जहाज़ बेचता रहा है। एफ़-16 विमान का ज़ख़ीरा पाकिस्तान के पास पहले से ही था और भारत के साथ करगिल युद्ध में उसने इसका इस्तेमाल किया था। पर जब उस ज़ख़ीरे को और उन्नत करने की बात हुई तो 2008 में अमेरिकी कांग्रेस ने काफ़ी बहस के बाद पाकिस्तान के 46 एफ.-16 विमानों ए/बी से एफ़-16/ ब्लाक52 स्तर तक अपग्रेड करने की अनुमति दी थी। लेकिन एंड यूज़र अग्रीमेंट के तहत इन विमानों को आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में इस्तेमाल किया जाना था।
पाकिस्तान ने भारत द्वारा बालाकोट के मिराज़ हमले के बाद अपनी शान में एफ़-16 विमान को भारत पर हमला करने के लिए भेजा और एफ़-16 विमान से ही छोड़े जानी वाली एआइएम 120सी-5 मिसाइल भी भारत पर दाग़ी, इस मिसाइल के टुकड़ों को भारत ने मीडिया को दिखाया है।
भारतीय रेडार पर एफ़-16 के भारतीय सीमा में घुसने के इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर भी हैं जिसे अंतर्राष्ट्रीय नियमों के अंदर एक पुख़्ता सबूत माना जाता है।
भारत ने जताया था विरोध
2008 में जब अमेरिकी प्रशासन ने पाकिस्तान के साथ एफ़-16 की यह 890 मिलियन डॉलर की डील की थी तो भारत सरकार ने इसका पुरज़ोर विरोध किया था। लेकिन उस वक़्त भारत को मना लिया गया था कि इन अपग्रेडेड एफ़-16 जहाज़ों का और अमराम मिसाइल का भारत के ख़िलाफ़ इस्तेमाल नहीं होगा।
एआइएम 120सी-5 उसी अमराम श्रेणी की मिसाइल है जो 2008 की डील के तहत पाकिस्तान ने अमेरिका से ली थी। और अब भारत उसके परखच्चों को अमेरिका के सामने सबूत के तौर पर पेश कर रहा है।
भारतीय वायुसेना ने एक एफ़ - 16 विमान मार गिराने का दावा किया है, जिसे पाकिस्तान नकार रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि विंग कमांडर अभिनंदन ने जब अपने मिग-21 में लगे आर17 मिसाइल का प्रहार कर उस एफ़-16 विमान को गिराया तो उसके दोनों पायलट पैराशूट से नीचे कूद गए।
लड़ाकू विमान एफ़-16 में दो पायलट वाले मॉडल भी होते हैं। पाकिस्तान का यह एफ़-16 शायद ‘टू सीटर’ विमान था। पाकिस्तान का एक पायलट शहजादउद्दीन बेहोशी की हालत में नीचे गिरा और पीओके के लोगों ने उन्हें भारतीय समझ कर पीट दिया और अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
अगर पाकिस्तान का एक एफ़-16 गिरा है तो इसका मतलब है कि उनके पास अब एक एफ़-16 कम है। अमेरिका से हुए क़रार के अनुसार हर 6 महीने के बाद स्टॉक चेकिंग की भी व्यवस्था है। अगर अमेरिका पाकिस्तान में एफ़-16 गिनने पहुँच गया तो वह तुरंत पकड़ सकता है कि स्टॉक में एक एफ़-16 कम है।
अगर यह साबित हो जाता है कि एफ़-16 का इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ हुआ है तो इसका मतलब है कि एफ़-16 क़रार ख़त्म हो जाएगा और भविष्य में अमेरिका से पाकिस्तान को हथियार मिलना बहुत मुश्किल होगा।
एफ़-16 क़रार ख़त्म होने का मतलब यह है कि सारे पाकिस्तानी एफ़-16 विमान मरम्मत और कल-पुर्ज़ों के अभाव में कबाड़ रह जाएँगे।
इसका एक और मतलब निकलता है कि पाकिस्तान एक ज़िम्मेदार मुल्क नहीं है जिसको कोई रक्षा तकनीक या हथियार दिए जाएँ। तो फिर एटमी हथियार क्या पाकिस्तान के हाथ सुरक्षित रह पाएँगे? विश्व समुदाय को इस पर सोचने की ज़रूरत है।
दूसरा मतलब यह भी निकल रहा है कि जिस विंग कमांडर अभिनंदन को हम हनुमान के नाम से पुकार रहे हैं क्या उन्होंने सचमुच में तो कहीं पाकिस्तान की वायुसेना की लंका में आग लगा दी है?
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